राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग में नर्स भंवरी देवी की कहानी एक थ्रिलर फिल्म की तरह है। एक नर्स जो अचानक लोकगायिका बनकर राज्य भर में प्रसिद्ध हो जाती है। उसके वीडियो एलबम निकलते हैं। राजनीतिक रसूख वाले लोगों के बीच उसका उठना बैठना होता है। कुछ नेताओं से उसकी खटपट भी होती है और फिर एक सितंबर 2011 को वह अचानक गायब हो जाती है।
बाद में पता चलता है कि उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में राजस्थान के तत्कालीन जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई पर हत्या का आरोप लगा। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भंवरी देवी इन दोनों को ब्लैकमेल कर रही थी। मामले ने तूल पकड़ा तो जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया। इसी बीच दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। मारवाड़ में मदेरणा परिवार और विश्नोई परिवार का काफी प्रभाव रहा है। दोनों राजनीतिक घराने से हैं। मदेरणा के पिता परसराम राजस्थान विधानसभा के स्पीकर रह चुके थे तो मलखान के पिता राम सिंह विश्नोई राज्य सरकार में मंत्री थे।
2002 में शुरू हुई थी कहानी: भंवरीदेवी ने मंत्री महिपाल मदेरणा और विधायक मलखान विश्नोई के साथ अपने अंतरंग पलों की सीडी होने का दावा करके पहले ही राज्य की राजनीति में हंगामा कर दिया था। इसके ठीक बाद वह गायब हो गई। जोधपुर में सीबीआई की विशेष अदालत में जांच एजेंसी ने महिपाल मदेरणा और मलखान समेत 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
करीब सौ पेज का आरोप पत्र तैयार करने में सीबीआई ने 300 से ज्यादा गवाहों के बयान लिए थे। इसके मुताबिक पूरे मामले की शुरुआत 2002 में तब हुई थी जब भंवरी अपने तबादले के सिलसिले में मलखान से मिली थी। दोनों के बीच नजदीकी बढ़ी और मामला प्रेम में तब्दील हो गया। इससे भंवरी को एक बेटी हुई। मलखान ने ही भंवरी को महिपाल मदेरणा से मिलवाया था। यहां भी मेल मुलाकात नजदीकी में बदल गई थी।
हक मांगने से बिगड़ी बात: मलखान और भंवरी के रिश्ते में तल्खी तब आई जब भंवरी ने बेटी के लिए हक मांगना शुरू कर दिया। शादीशुदा मलखान भंवरी से कन्नी काटने लगा तो उसने उसकी फजीहत करना शुरू कर दिया। भंवरी ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा दी थी। इससे परेशान मलखान ने अपने भाई और बहन इंद्रा को भंवरी को शांत कराने का काम सौंप दिया था। इसके बाद कुछ दिनों तक मामला शांत रहा।
मलखान की बहन इंद्रा विश्नोई भंवरी की काफी करीबी दोस्त थी। उसने भंवरी के गुस्से को महिपाल मदेरणा की तरफ मोड़ दिया और उसे मदेरणा के साथ अंतरंग पलों को रिकॉर्ड करने के लिए कहा। बताया जाता है कि इस सीडी के जरिए भंवरी ने मदेरणा को ब्लैकमेल करते हुए 10 लाख रुपये में सौदा किया था। जिस समय यह हत्याकांड हुआ था राज्य में अशोक गेहलोत मुख्यमंत्री थे।
कैसे सामने आया मामला: इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब भंवरी के पति अमरचंद ने 20 सितंबर को पुलिस में अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। रिपोर्ट में उसने लिखवाया कि उसकी बीवी 20 दिनों से लापता है। रिपोर्ट में उसने महिपाल मदेरणा को नामजद किया था। भंवरी कांड ने तब और ज्यादा सुर्खियां बटोरीं जब उसके गायब होने के कुछ दिनों बाद एक सीडी सामने आई। इसमें मदेरणा और भंवरी देवी के अंतरंग पल कैद थे। आरोप लगे कि इन तस्वीरों के जरिए भंवरी राजस्थान के मंत्री मदेरणा को ब्लैकमेल कर रही थी।
अपहरण और हत्या: भंवरी से सीडी हथियाने के लिए विश्नाराम गैंग की मदद से भंवरी को किडनैप करवाया गया। उससे असली सीडी निकलवाने के लिए टॉर्चर किया गया। पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया था कि जब भंवरी को किडनैपर्स दूसरे स्थान पर ले जा रहे थे तो उसने शोर मचाना शुरू कर दिया था। इससे झल्लाए गैंग के लोगों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी और लाश को ठिकाने लगाने के लिए जला दिया था। इसके बाद राख को अलग-अलग इलाकों में सड़क पर बिखेर दिया गया था, जिससे किसी को कोई सबूत न मिले।