जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता और एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल को प्रतापगढ़ की एमपी/एमएलए अदालत ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अक्षय प्रताप को यह सजा प्रतापगढ़ के फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में सुनाई है। सजा के एलान के बाद अक्षय प्रताप को वापस जिला कारागार पहुंचा दिया गया।
इससे पहले निवर्तमान एमएलसी व पूर्व सांसद अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल को 22 मार्च की पेशी में सजा पर फैसला सुरक्षित रखने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। जहां देर शाम राजा भैया भी उनसे मिलने जिला कारागार पहुंचे थे। ज्ञात हो कि एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल पर सितंबर, 1997 में फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में केस दर्ज हुआ था।
इस मामले में तत्कालीन कोतवाल डीपी शुक्ला ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आरोप था कि अक्षय प्रताप ने प्रतापगढ़ के फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था। फिर इस मामले में बीते 15 मार्च को मुकदमे की सुनवाई के दौरान एमपी/एमएलए अदालत ने एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल को दोषी करार भी दिया था। इसके बाद फैसला सुनाने के लिए 22 मार्च को अक्षय प्रताप को अदालत में तलब किया गया था।
हालांकि, 22 मार्च यानी मंगलवार को फैसला न सुनाते हुए अदालत ने उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। इसके बाद अक्षय प्रताप सिंह को 23 मार्च को करीब 2 बजे प्रतापगढ़ जिला कारागार से अदालत लाया गया था। फिर विशेष न्यायाधीश ने फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल को सात साल की सजा सुनाई और साथ ही 10 हजार का जुर्माना भी लगाया।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता और एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल को सजा मिलना राजा भैया के लिए बड़ा झटका है। ज्ञात हो कि अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल ने इस बार जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी के रूप में प्रतापगढ़ स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल किया था। अक्षय प्रताप लगातार तीन बार से इस सीट से एमएलसी निर्वाचित होते आ रहे हैं।