वंदे भारत ट्रेन में कुछ दिनों पहले एक शख्स के सिगरेट पीने का मामला सामने आया था। शख्स सिगरेट पीने के लिए ट्रेन के बाथरूम में गया, लेकिन उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि पूरी ट्रेन में स्मोक सेंसर लगे हुए हैं। जैसे ही उसने सिगरेट जलाई सेंसर चालू हो गया और अलार्म बज गया। इसके बाद पूरे कोच में एयरोसोल स्प्रे शुरू कर दिया गया। अन्य यात्री घबरा गए और उन्होंने आपातकालीन फोन के जरिए गार्ड को सूचना दी।
इस यात्री के बारे में दिलचस्प बात यह थी कि वह वंदे भारत ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहा था। हालांकि इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे पहली बात क्या ट्रेन में धूम्रपान की अनुमति है? अगर नहीं तो ट्रेन में धूम्रपान के विरुद्ध क्या कानून है? दूसरा, ट्रेन में धूम्रपान करते पाए जाने पर क्या सज़ा है? सवाल यह है कि ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने वालों के खिलाफ कानून में क्या सजा है? आइए इन सवालों के जवाब के बारे में बात करते हैं।
ट्रेन में धूम्रपान के खिलाफ क्या है कानून?
रेलवे अधिनियम की धारा 167 के तहत ट्रेन के डिब्बे में धूम्रपान करना अपराध है। ऐसा करते पाए गए यात्री पर 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ट्रेन के टॉयलेट में जाकर सिगरेट पीने पर कोई सज़ा नहीं है। आपको ट्रेन में कहीं भी सिगरेट, बीड़ी पीना, माचिस जलाना, शराब पीना वर्जित है।
दोषी व्यक्तियों को उपरोक्त कानून के अनुसार दंडित किया जाता है लेकिन भारतीय रेलवे बोर्ड ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के सारे पावर रेलवे सुरक्षा बल और टिकट निरीक्षकों को दे दी हैं। इन सभी ज्वलनशील पदार्थों से ट्रेनों में आग लगने का खतरा रहता है। जिससे जान-माल का अधिक नुकसान होता है। इसलिए ट्रेन में धूम्रपान करने की कानूनन अनुमति नहीं है।
बिना टिकट यात्रा करने पर क्या है जुर्माना?
रेलवे अधिनियम की धारा 138 में बिना टिकट और बिना वैध पास के यात्रा करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान है। कोई भी व्यक्ति ऐसा करते हुए पाया गया तो उससे तय की गई दूरी का किराया या ट्रेन के प्रस्थान बिंदु से उस स्टेशन तक का किराया या दोगुना राशि ली जाता है। यानी जहां से व्यक्ति ट्रेन में चढ़ता है वहां से लेकर जहां पकड़ा जाता है उस जगह तक का किराया पेनाल्टी के साथ लिया जाता है।