किराए के मकान दिलाने के नाम पर 8,000 से अधिक लोगों को ठगने के आरोप में बुधवार को मोहाली पुलिस ने एक कथित ठग को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि साल 2018 तक रियल एस्टेट से जुड़े एक ऑनलाइन एप्लिकेशन के लिए काम करने वाले शख्स की पहचान परमजीत सिंह के रूप में हुई है। काम करने के दौरान ही सिंह ने संपत्तियों के साथ-साथ वाहनों को खरीदने, बेचने या किराए पर देने का धंधा सीख लिया था।

छोटी-छोटी रकम ठगने से की शुरुआत, मोहाली पुलिस ने बताई मॉडस ऑपरेंडी

साल 2018 में नौकरी छोड़ने के बाद परमजीत सिंह ने लोगों को ठगना शुरू कर दिया। उसने पुलिस की नजरों से बचने के लिए लोगों से छोटी-छोटी रकम ठगने से शुरुआत की और पहले कभी गिरफ्तार नहीं हुआ। मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि परमजीत सिंह मोहाली जैसे शहरों में उन संपत्तियों की पहचान करता था जिन्हें किराए पर दिया जाना होता था। इसके बाद परमजीत सिंह मालिकों की जानकारी के बिना संपत्ति की तस्वीरें खींच लेता था।

कभी-कभी किराएदार बनकर लेता था प्रॉप्रटी के अंदर की तस्वीरें

अधिकारी ने कहा, “परमजीत सिंह बेतरतीब ढंग से उन संपत्तियों की तस्वीरें खींचता था जिन्हें किराए पर दिया जाना था। कभी-कभी वह किराएदार बनकर प्रॉपर्टी में दाखिल होता था और अंदर की तस्वीरें खींचता था। तस्वीरें क्लिक करने के बाद आरोपी उसे ओएलएक्स ऐप पर अपलोड करता था और अपना सेल नंबर देता था ताकि आवास की तलाश कर रहे लोग उसे कॉल कर सकें।”

ठगी में इस्तेमाल कम से कम दस फोन नंबरों की पहचान, अकेले ही चलाता था रैकेट

बलौंगी स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) इंस्पेक्टर पीएस ग्रेवाल ने कहा कि उन्होंने कम से कम दस फोन नंबरों की पहचान की है, जिनका इस्तेमाल परमजीत सिंह अपने पीड़ितों को धोखा देने के लिए कर रहा था। SHO पीएस ग्रेवाल ने कहा कि अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपी अकेले ही काम कर रहा था, लेकिन वे मामले के सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं।

पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ समेत कई राज्यों में फैलाया जाल

पुलिस की अब तक की जांच में रुपये के लेनदेन का पता चला है। परमजीत सिंह के बैंक खातों में 1.44 करोड़ रुपये हैं जो पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ जैसे विभिन्न राज्यों से ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे। अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एक बार जब परमजीत को अपने शिकार से पैसे मिल जाते थे, तो वह उनका फोन उठाना बंद कर देता था। अगर वे फिर भी उसे कॉल करना जारी रखते थे तो वह अपना नंबर बदल देता था।

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आरोपियों के खिलाफ कुल 8138 शिकायतें मिलीं, पुलिस ने ऐसे पता लगाया

मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने बताया कि आरोपी परमजीत सिंह ग्रेजुएट है और शादीशुदा है। वह खरड़-लांडरां रोड पर एक सोसायटी में रह रहा था। पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कुल 8138 शिकायतें मिली हैं। इनमें से कम से कम 22 केवल खरड़ से थीं। इस बारे में जांच करने पर कि पुलिस ने कैसे पता लगाया कि उस व्यक्ति के खिलाफ 8,000 शिकायतें लंबित थीं? इसके जवाब में SHO ग्रेवाल ने कहा कि उन्होंने वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पोर्टल पर आरोपी के सभी फोन नंबर अपलोड किए थे और पाया कि उन्हीं नंबरों पर पहले से ही उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज थीं।