प्रशासन अपने दलबल के साथ कब्रिस्तान में घुसती है और इधर-उधर जांच शुरू कर देती है। थोड़ी देर तक कब्रिस्तान के चारों तरफ तलाशी लेने के बाद टीम वहां से लौट जाती है। उस वक्त किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर पुलिस की टीम कब्रिस्तान के अंदर क्या ढूंढने आई है? कुछ देर तक तो इस रहस्य पर पर्दा रहा लेकिन जब इस रहस्य से पर्दा उठा तो सभी हैरान रह गए।

दरअसल यह मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का है और इस पूरे मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही भी उजागर हुई है। जानकारी के मुताबिक सुरसा थाना क्षेत्र के क्रांति मजरा पुनिया के रहने वाले संजय सिंह के भाई अमर सिंह की कुछ दिनों पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। यह सड़क हादसा बापू पुरवा इलाके के पास हुआ था।

हादसे के बाद पुलिस ने घायल युवक को एक मुस्लिम नाम से जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यानी पुलिस ने युवक की पहचान कराने की कोई जरुरत नहीं समझी। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान इस युवक की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने मुस्लिम रीति-रिवाज के तहत इस युवक को कब्रिस्तान में दफना दिया। मृतक के परिजनों ने किसी तरह घर के सदस्य अमर सिंह के बारे में पता लगाया। इसके बाद उन्होंने जिले के डीएम के पास शव की शिनाख्त करने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया।

खुलासा हुआ कि स्थानीय पुलिस के आदेश पर जिला अस्पताल के कर्मचारी कल्लू ने अमर सिंह के शव को कब्रिस्तान में दफना दिया है। इसके बाद बीते मंगलवार (09 जुलाई, 2019) को डीएम के आदेश पर एसडीएम सदर, सीएमओ और एसओ बघोली शव की तलाश में कब्रिस्तान पहुंचे। लेकिन कब्रिस्तान में शव को गाड़ने वाला कल्लू उस स्थान को ही भूल गया जहां उसने अमर सिंह को दफन किया था। काफी देर तक कब्रिस्तान में प्रशासन की टीम इधर-उधर तलाश करती रही और फिर खाली हाथ वापस लौट आई। (और…CRIME NEWS)