मध्य प्रदेश में इन दिनों छोटी-छोटी बातों को लेकर बड़ी-बड़ी घटनाएं हो जा रही हैं। अराजकता इस हद तक है कि कहीं पर भी कोई भी किसी को भी पीट दे रहा है और स्थानीय पुलिस कुछ कर नहीं पा रही हैं। कहीं गांव के कुछ युवक दबंग बन गए हैं तो कहीं कोई अपनी दुकान का नाम दूसरे धर्म के नाम पर रख ले रहा है। और तो और पुलिस- प्रशासन के अफसरों के सामने ही मकान और दुकान दबंग गिरा दे रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें रोक नहीं पा रही है। बाद में दबाव बढ़ने पर केस दर्ज कर लिया जा रहा है।
बैतूल जिले के भीमपुर विकास खंड के गांव रम्भा में भीड़ ने रविवार को हमला कर दो दुकानों और एक मकान को प्रशासन और पुलिस के सामने ही तोड़ डाला। मकान-दुकान पूरी तरह तहस-नहस हो गई हैं। दोपहर से लेकर रात तक हंगामा चलता रहा। बाद में झल्लार पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ बलवा और तोड़फोड़ का केस दर्ज किया है।
उधर, हरदा जिले के कब्रिस्तान में एक समूह के कुछ दबंग युवकों ने 22 वर्षीय एक युवक की कथित तौर पर पिटाई कर दी। मामले में छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उनमें से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना सोमवार दोपहर को कोतवाली पुलिस थाना इलाके के ग्राम उड़ा स्थित मुस्लिम कब्रिस्तान में हुई।
एक अन्य घटना में धार जिले में एक मुस्लिम युवक नाम बदलकर पानी-पूड़ी बेच रहा था। उसने अपनी दुकान पर हिंदू देवता सांवरिया का नाम लिखा हुआ था। इस बात की जानकारी पर स्थानीय लोगों ने उसका विरोध किया और उससे दुकान से नाम हटाने को कहा। आरोपी युवक ने कहा कि वो अगले दिन हटा देगा, लेकिन लोग नहीं माने और उसके पोस्टर को कटवा दिया। मामले में धार जिले के एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने कहा है कि घटना की जांच की जा रही है।
बैतूल जिले की घटना के बारे में एसडीओपी शिवचरण बोहित के मुताबिक रम्भा गांव में रविवार को एक आदिवासी संगठन का सामाजिक आयोजन था, जिसमें सैकड़ों लोग मौजूद थे। इसी दौरान अचानक कुछ लोग उग्र हो गए गांव के ही लखन आर्य, रमेश पाटिल, राजेश के मकान और दुकान पर पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी। भीड़ ने लखन आर्य के किराने की दुकान को नुकसान पहुंचाया, जबकि रमेश पाटिल के मकान और राजेश शिवकिशोर की सेविंग सैलून को निशाना बनाया। इस दौरान भैसदेही एसडीएम केसी परते, एसडीओपी शिवचरण बोहित, झल्लार टीआई दीपक परासर, तहसीलदार समेत राजस्व और पुलिस के अफसर मौजूद रहे।
