अफगानिस्तान में तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर पर कब्जा कर लिया है। यहां विरोधी सेना का नेतृत्व कर रहे मसूद ने तालिबान को शांति प्रस्ताव भेजा है। अब शांति और माफी के वादों के बीच तालिबान सरकार की तैयारी कर रहा, लेकिन इसके लड़ाके शीर्ष नेतृत्व के दावों के उलट काम करते दिख रहे हैं।
पंजशीर में तालिबान के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद ने तालिबान को शांति प्रस्ताव भेजा है। पंजशीर में जारी लड़ाई के बीच अब रेजिस्टेंस फ्रंट के कई बड़े नेता और कमांडरों के मारे जाने की खबर है। टोलो न्यूज ने बताया है कि रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दशती भी तालिबान के साथ लड़ाई में मारे गए हैं। जिसके बाद अब मसूद की तरफ से शांति का प्रस्ताव आया है।
वहीं दूसरी तरफ तालिबान ने जबसे अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, अपना पुराना दाग धोने की कोशिश में लगा है। विश्व समुदाय को ये दिखाने की कोशिश कर रहा है अब वो दरिंदगी वाला सगंठन नहीं है बल्कि एक राजनैतिक संगठन है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व के इन वादों और दावों की सच्चाई रोज सामने आ रही है। तालिबानी लड़ाके उन लोगों को खोज निकाल रहे हैं जो पिछली अफगान सरकार के साथ काम कर रहे थे। कई को मार दिया जा रहा है तो कई को धमकी दी जा रही है।
ऐसा ही एक मामला अफगानिस्तान के घोर प्रांत में देखने को मिला है। जहां तालिबानी लड़ाकों ने एक गर्भवती महिला पुलिसकर्मी की हत्या उसके परिवार वालों के सामने ही कर दी है। तीन तालिबानी लड़ाके महिला पुलिसकर्मी को खोजते हुए उनके घर पहुंचे थे।
महिला पुलिसकर्मी छह महीने की गर्भवती थी। लड़ाकों को जैसे ही ये निगारा नाम की पुलिसकर्मी मिली, उसे घसीटते हुए घर से निकाला और पति-बच्चों के सामने ही गोली मार दी। इसके बाद उसके चेहरे को भी खराब कर दिया। एक अफगान पत्रकार ने ट्वीट कर इस घटना की जानकारी दी है।
“Nigara a police officer was shot dead infront of her kids and husband last night at 10PM in Ghor province. Nigara was 6 months pregnant, she was shot dead by the Taliban.” Her family members says. pic.twitter.com/w5vs1Eahsq
— BILAL SARWARY (@bsarwary) September 5, 2021
हालांकि अभी तक इसे क्यों मारा गया है ये पता नहीं चल पाया है। स्थानीय लोग तालिबान के डर से कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इस घटना पर भी तालिबान ने कहा कि मामले की जानकारी उसे है और इसकी जांच की जाएगी। तालिबान इस हत्या में खुद को शामिल होने के आरोपों को भी नकार रहा है।
प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि हम घटना से अवगत हैं और मैं पुष्टि कर रहा हूं कि तालिबान ने उसे नहीं मारा है, हमारी जांच जारी है। उन्होंने कहा कि तालिबान ने पहले ही पिछले प्रशासन के लिए काम करने वाले लोगों के लिए माफी की घोषणा कर दी थी। ये हत्या पर्सनल दुश्मनी की वजह से हुई होगी।
बता दें कि ये एक महिला पुलिसकर्मी की बात नहीं है। कई महिला जजों की जान भी खतरे में हैं। एक महिला जज जब अफगानिस्तान से जान बचाकर यूरोप पहुंची तो उसने तालिबानी लड़ाकों के कारनामे मीडिया को बताए थे। जज के अनुसार उन्हें और उनके साथियों को धमकी मिल रही है। जान का सीधा खतरा है। यही कारण है कि अफगानिस्तान से सैकड़ों लोग देश से भाग चुके हैं और बाकी भी भागने की कोशिशों में लगे हैं।