Balasore Train Accident: ओडिशा ट्रेन त्रासदी ने पंजाब के अमृतसर में दशहरा ट्रेन त्रासदी (Amritsar Dussehra Train Tragedy) के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे परिवारों के घावों को फिर से ताजा कर दिया है। क्योंकि साल 2018 के इस आपराधिक मामले में आरोपी कभी गिरफ्तार नहीं किए गए थे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अमृतसर रेल त्रासदी में कम से कम 58 लोगों की मौत हो गई थी। दशहरे को लेकर रावण का पुतला जलाए जाने के दौरान रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा हुई भीड़ को एक एक्सप्रेस ट्रेन ने रौंद दिया था।

20 महीने बाद दायर किया था चार्जशीट, सियासी रसूख वाले सारे आरोपी

अमृतसर में हुई दर्दनाक ट्रेन हादसे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था और 20 महीने बाद 5 जुलाई, 2020 को जेएमआईसी हरप्रीत सिंह की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था। अभियुक्तों के खिलाफ दायर चार्जशीट में कहा गया, “सभी आरोपी जनता में बहुत प्रभाव रखते हैं और उनके पास राजनीतिक हैसियत है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ ही कानून और व्यवस्था की स्थिति में पैदा होने वाली बाधाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।”

पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी कांग्रेस नेताओं पर आरोप

एसआईटी की जांच के बाद जीआरपी ने पहले अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। फिर बाद में इसमें आरोपियों के नाम जोड़े गए थे। पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता मिठू मदान का नाम राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में शामिल है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू 19 अक्टूबर, 2018 को आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। मदान उस समिति के अध्यक्ष थे जिसने इसे आयोजित किया था।

IPC की इन जमानती धाराओं में दर्ज हुआ था आपराधिक मामला

दशहरा समिति के महासचिव राहुल कल्याण, खजांची दीपक कुमार, सचिव करण भंडारी और कबल सिंह, प्रेस सचिव दीपक गुप्ता और कार्यकारी सदस्य भूपिंदर सिंह को भी भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 ए (लापरवाही से मौत का कारण), धारा 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से चोट पहुंचाना) और धारा 338 (जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत दर्ज मामले की चार्जशीट में नामजद किया गया था। ये सभी जमानती अपराध हैं। इस मामले में आरोपियों को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया।

सभी आरोपियों को जमानत देते हुए अदालत ने क्या कहा था

मामले में सुनवाई के दौरान अदालत के 30 जुलाई, 2020 को सभी आरोपियों को दिए जमानत के आदेश में कहा, “अपराध जमानती हैं। इसलिए उक्त आरोपी सौरव मदान, दीपक कुमार, करण भंडारी, कबल सिंह, दीपक गुप्ता और भूपिंदर सिंह को सलाखों के पीछे रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इस प्रकार अभियुक्तों/आवेदकों को 50,000/- रुपये की राशि के व्यक्तिगत मुचलके और इतनी ही राशि की एक-एक जमानत के अधीन जमानत के लिए स्वीकार किया जाता है। उक्त अभियुक्तों सौरव मदान, दीपक कुमार, करण भंडारी, कबल सिंह, दीपक गुप्ता और भूपिंदर सिंह के जमानत बांड प्रस्तुत किए गए, जो प्रमाणित हैं और जो स्वीकार किए जाते हैं।“

Odisha Train Accident में कहां चूक हुई, कैसे एक के बाद एक हादसे का शिकार बनीं तीन ट्रेनें? Balasore Tragedy | Video

पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करने वालों ने जताया था अफसोस

अमृतसर के जोड़ा फाटक पर दशहरा ट्रेन त्रासदी के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करने वाले एक कार्यकर्ता दीपक ने इस बारे में कहा, “क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है कि 58 लोग मारे गए और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे, लेकिन एक भी आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया? यह एक दुर्लभ मामला होना चाहिए जिसमें इतनी बड़ी संख्या में मौतों के बावजूद अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया गया है।”