आज बात उस शख्स की जो रेनॉ और निसान जैसी कंपनियों का चेयरमैन और सीईओ रहा लेकिन उसे एक बक्से में बंद होकर फ्लाइट से भागना पड़ा था। हम बात कर रहे हैं कार्लोस गोन की जिन्हें जापान में नजरबंद किया गया था। कार्लोस जब इस अजीबोगरीब तरीके से देश से बाहर आए तो उन्होंने पूरी घटना को एक इंटरव्यू के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने रखा था।
कार्लोस ने बीबीसी से बात करते हुए बताया था कि यह घटना 2019 की है। कार्लोस ने बताया कि दिसंबर महीनें में उन्होंने खुद का भेष बदला और जापान से बाहर जाने के लिए एक बड़े म्यूजिक बॉक्स को चुना। फिर कुछ लोगों ने उस बक्से को प्लेन में लोड किया जिसमें मैं बैठा हुआ था और फिर कई घंटों की उड़ान के बाद अपने देश लेबनान पहुंच गया। कार्लोस ने बताया कि उस वक्त जापानी कंपनी निसान और फ्रांस की कंपनी रेनॉ दोनों के चेयरमैन थे।
दरअसल, निसान द्वारा कार्लोस पर आरोप थे कि उन्होंने अपना सालाना वेतन कम बताया था और कंपनी के फंड का भी गलत तरीके से इस्तेमाल किया था। फिर कुछ समय बाद जब दोनों कंपनियों में मतभेद हुए तो उन्हें साल 2018 में गिरफ्तार कर लिया गया। कार्लोस ने बीबीसी को बताया कि मुझे टोक्यो एयरपोर्ट पर अरेस्ट किया गया था। इसके बाद वह हमें एक डिटेंशन सेंटर ले गए, जहां जेल के कपड़े पहनाकर एक सेल में रख दिया गया।
कार्लोस के मुताबिक, उन्हें डिटेंशन सेंटर में रहने के दौरान कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। यहां तक कि उन्हें यह भी पता नहीं था कि कब इस मामले में केस शुरू होगा और यदि मामले में दोषी पाए गए तो कम से कम 15 साल की सजा होगी। फिर जब उन्हें पत्नी से भी नहीं मिलने दिया गया तो कार्लोस ने जापान से भाग निकलने का प्लान बनाया। कार्लोस कहते हैं कि मैं यह चाहता था कि मुझे बाहर कोई भी पहचान न सके, इसलिए एक बड़ा बॉक्स चुना।
उन दिनों जापान में कई सारे म्यूजिक कंसर्ट हुआ करते थे, ऐसे में उन्होंने एक बड़े म्यूजिकल उपकरण रखने वाले बक्से को चुना। फिर कार्लोस किसी तरह डिटेंशन सेंटर से बाहर आए और साधारण कपड़े पहनकर ट्रेन से जापान के ओसाका शहर पहुंचे। जहां एक निजी विमान उनका इंतजार कर रहा था। फिर ट्रेन से उतरकर होटल पहुंचा और मैंने खुद को उस बक्से में बंद किया और उसे विमान में लोड किया गया।
जैसे ही विमान उड़ा तो उन्हें लगा कि अब वह आजाद हो चुके हैं लेकिन विमान में जाने से पहले कार्लोस करीब डेढ़ घंटे तक इस बक्से में बंद रहे थे। इसके बाद तुर्की में विमान बदला गया और फिर दूसरे विमान से वह लेबनान के बेरूत पहुंचे। कार्लोस ने बताया था कि उसके कई सहकर्मी जापान में नजरबंद और बंधक बनाए गए थे। हालांकि, कार्लोस की मदद करने के मामले में उनके बेटे पीटर और एक अन्य अमेरिकी शख्स माइकल टेलर को तीन साल की सजा सुनाई गई थी।