उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने पंजाब की रोपड़ जेल में दो साल बंद रहने के दौरान तमाम वीआईपी सुविधाओं (VIP Treatment) का फायदा उठाया था। इसकी पुलिस जांच के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने गुरुवार को कहा कि इस मामले में वह पूर्व मंत्रियों से कानून खर्च वसूल करने की योजना बना रहे हैं। पूर्व मंत्रियों के कहने पर ही उन महंगे वकीलों को भुगतान किया गया, जो चाहते थे कि मुख्तार अंसारी को जबरन वसूली के मामले में पंजाब की जेल में रखा जाए।

CM भगवंत मान ने लौटाई लीगल फीस की फाइल

सीएम भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे की लीगल फीस से संबंधित फाइल को मंजूरी नहीं दी है। उस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल में ट्रांसफर करने की मांग की थी। इसके लिए पंजाब सरकार को उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से 25 बार रिमांइडर भी भेजे गए थे। इसके बावजूद पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले नहीं किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

कांग्रेस सरकार मे तय की थी हर पेशी पर 11 लाख की लीगल फीस

पूर्व कांग्रेस सरकार ने एडवोकेट दवे को सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार अंसारी का केस लड़ने के लिए नियुक्त किया था। उस समय हर तारीख पर दवे को 11 लाख रुपए की लीगल फीस देना तय हुआ था। दुष्यंत दवे की ओर से सुप्रीम कोर्ट में 5 बार की पेशी का 55 लाख रुपए का बकाया बिल पंजाब सरकार को भेजा गया है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए नियुक्त किए गए दुष्यंत दवे को 55 लाख रुपए लीगल फीस देने से साफ इनकार कर दिया है।

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भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा- पूर्व मंत्रियों से वसूलेंगे खर्चा

सीएम भगवंत मान ने गुरुवार को पंजाबी में किए एक ट्वीट में कहा कि यूपी के अपराधी को रोपड़ जेल में तमाम वीआईपी सुविधाओं के साथ रखा गया था और 48 बार वारंट जारी करने के बावजूद उसे अदालत में पेश नहीं किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में उसका केस लड़ने के लिए महंगे वकील किए। जिसका खर्चा 55 लाख आया। मैंने आम लोगों के टैक्स से खर्चे वाली फाइल वापस मोड़ दी है। जिन मंत्रियों के आदेश पर ये फैसला हुआ, उनसे ही इसका कानूनी खर्चा वसूलने के बारे में विचार किया जा रहा है।

पंजाब सरकार को हराकर मुख्तार अंसारी को ले गई यूपी पुलिस

जनवरी, 2019 से अप्रैल 2021 के बीच गैंगस्टर मुख्तार अंसारी पंजाब की रूपनगर जेल में में बंद था। पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे की दलीलों के बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस अपना पक्ष मजबूती से रखने के कारण कामयाब रही और अप्रैल 2021 में मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश ले जाया गया। मुख्तार अंसारी फिलहाल उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में कैद है। माफिया डॉन अतीक अहमद और भाई की सरेआम हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी खौफ में बताया जा रहा है।

25 बैरक खाली करवाकर बीवी के साथ रहता था मुख्तार अंसारी

पंजाब पुलिस की हालिया जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी VVIP ट्रीटमेंट का जमकर फायदा उठा रहा था। इसके लिए मुख्तार अंसारी ने बकायदा अधिकारियों को रिश्वत भी दी थी। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद पंजाब विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ था। मौजूदा जेल मंत्री हरजोत बैंस ने सदन में दावा किया कि मुख्तार अंसारी को फर्जी FIR दर्ज कर 2 साल 3 महीने तक पंजाब की जेल में रखा गया। उसका चालान तक पेश नहीं किया गया। हैरत की बात यह सामने आई कि जेल में 25 बैरक खाली करवाकर मुख्तार अंसारी अपनी बीवी के साथ रहता था।