मेट्रो स्टेशनों पर बढ़ती भीड़ को संभालना अब डीएमआरसी के साथ-साथ मेट्रो की सुरक्षा के लिए तैनात सीआईएसएफ के जवानों के लिए भी मुसीबत खड़ा कर दे रहा हैं। इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएं घट जाती है, जिन्हें लेकर यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ता हैं। ऐसा ही एक नजारा नोएडा सेक्टर-62 मेट्रो स्टेशन पर देखने को मिला।
बताया जा रहा है कि सीआईएसएफ के जवान जब यात्रियों की भीड़ संभाल नहीं सके तो उन्होंने स्टेशन पर हाउसकीपिंग के स्टाफ को मदद के लिए बुला लिया। वह व्यक्ति डीएमआरसी द्वारा स्टेशनों पर सफाई के लिए हायर की गई एक एजेंसी के लिए काम करता है। पहले तो उसने यात्रियों को डंडा दिखाकर डराने-धमकाने की कोशिश की। इससे भी बात नहीं बनी तो वह डंडे से लोगों को धक्का देने लगा ।
गुरुवार को इसका वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर सीआईएसएफ और डीएमआरसी की जमकर खिंचाई की। लोगों ने सवाल पूछा कि आखिर मेट्रो पैसेंजर के साथ बदसलूकी करने का हक स्टाफ को किसने दिया। चूंकि, उस शख्स ने गले आईकार्ड पहन रखा था, इसलिए उसे लोगों ने डीएमआरसी का स्टाफ समझ लिया। हालांकि, घटना की जानकारी मिलने के तुरंत बाद डीएमआरसी ने यह स्पष्ट किया कि वह उनका स्टाफ नहीं था, बल्कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी था। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है।
डीएमआरसी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल ने कहा कि डीएमआरसी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ऐसे तरीकों का इस्तेमाल करने के पक्ष बिल्कुल नही है । हालाकि डीएमआरसी इस मामले को सीआईएसएफ और संबंधित एजेंसी के अधिकारियों के सामने उठाएगी और कोशिश करेगी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि मेट्रो में व्यवस्था को बनाए रखने में लोग भी योगदान दें और भीड़ होने पर सुरक्षाकर्मियों के निर्देशों का पालन करें।
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वहीं सीआईएसएफ के अधिकारियों से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि गुरुवार की शाम को सेक्टर-62 मेट्रो स्टेशन पर काफी भीड़ थी। लोगों ने जल्दी निकलने के चक्कर में वहां लगाए बैरिकेड भी गिरा दिए। कंट्रोल करने के लिए सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मियों ने स्टेशन पर सिविल ड्रेस में तैनात एक कर्मचारी की मदद ली, लेकिन इसके बाद भी जब भीड़ नियंत्रित नहीं हुई तो सीआईएसएफ की क्विक रिऐक्शन टीम को मौके पर बुलाना पड़ा। यदि कुछ देर और वैसे हालात बने रहते तो भगदड़ मच जाती जिससे ज्यादा नुकसान हो सकता था।