कहानी एकदम फिल्मी है। जहां एक व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है लेकिन उसका शव बरामद नहीं हो पाता। पुलिस और उसके परिजन शख्स के शव को ढूंढ़ने के लिए जमीन आसमान एक कर डालते हैं फिर भी उनके हाथ खाली ही रहते हैं। लेकिन अचानक एक दिन वह मर चुका इंसान ही होश में आकर अपनी पहचान बताता है। जो अब उत्तर प्रदेश में होता है। जिसके बाद हड़कम्प मच जाता है।

दरअसल, यह व्यक्ति बिहार का रहने वाला होता है। 8 साल पहले नीलकंठ मिश्रा गांव की ही एक महिला के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए घर से निकला था। लेकिन वापस लौट के ही नहीं आया। अचानक लापता हुए नीलकंठ के परिजनों ने पुलिस में सूचना दी। इसके बाद पुलिस और परिजनों ने उसे खोजना शुरू कर दिया। लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा।

इसके काफी समय बीतने के बाद नीलकंठ की मां हेमा देवी ने रेंज के डीआईजी से मुलाकत कर गांव के ही 9 लोगों पर नीलकंठ की हत्या का आरोप लगाया। मामले में पहले से ही खाली हाथ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। आरोपित 9 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर दिया गया। हालांकि बाद मे इस सभी को जमानत भी मिल गई।

लेकिन इस घटना को यहीं तक नहीं रुकनी थी। इसके बाद इसमें एंट्री होती है उसी मर चुके इंसान की। नीलकंठ गोरखपुर में स्माइल होम नाम की संस्था को मिलता है। यह संस्था बीते साल दिसंबर माह से इसका इलाज कर रही है। लगातार जारी इलाज के बाद वह, जो अपनी करीब सारी बातें भूल चुका होता है, आखिरकार अपने घर की जानकारी दे पाता है। इसके बाद संस्था बिहार की पुलिस को नीलकंठ के बारे में जानकारी देती है। हालांकि इसके बारे में सूचना मिलते ही पुलिस के भी हाथ पैर फूल जाते हैं। लेकिन पुलिस उसे लेने के लिए गोरखपुर रवाना हो जाती है।