भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने इटावा में एक विश्वविद्यालय को कथित रैगिंग के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उस पर जुर्माना लगाया जाए और कम से कम एक साल के लिए उसे नए दाखिलों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाए। भारतीय चिकित्सा परिषद के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (एमसीआई बीओजी) ने यह भी पूछा कि क्यों न यूनिवर्सिटी के एमबीबीएस पाठ्यक्रम के वरिष्ठ बैच को कम से कम एक महीने की अवधि के लिए कक्षाएं लेने से रोक दिया जाए।
सिर मुंडवाकर कराई परेडः सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के कई छात्रों का सिर मुंडवाकर कैंपस में उनकी परेड कराई गई थी। नोटिस में कहा गया है, “क्यों न संस्थान पर रैगिंग की प्रत्येक घटना के लिए 1 लाख रुपए का अनुकरणीय जुर्माना जगाया जाए, जोकि 1501 लाख यानि कुल 150 लाख रुपये के बराबर है।” नोटिस में कहा गया है कि एमसीआई ने विश्वविद्यालय से 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है, ऐसा करने में नाकाम रहने पर यह माना जाएगा कि उसे इस मामले में कुछ नहीं कहना है और जैसा कि ऊपर संकेत दिया गया है, उसे दंडित किया जाएगा।
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कार्रवाई करने से बचते दिखे कुलपतिः सोशल मीडिया पर एक कथित वीडियो क्लिप में छात्र एक पंक्ति में चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनका मुंडा हुआ सिर झुका है और वह सलाम की मुद्रा में हैं। एक अन्य क्लिप में वह पंक्ति में खड़े दिख रहे हैं। इस बीच समाचार चैनल पर इस मामले में सख्त कार्रवाई का वादा करने वाले विश्वविद्यालय के कुलपति राज कुमार बुधवार को इस तरह के “हल्के” मामलों में कार्रवाई करने से बचते हुए दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि एक समय में रैगिंग छात्रों के बीच चिकित्सा की दुनिया के “संस्कार” (परंपरा या शिष्टाचार) को बढ़ाने का एक तरीका हुआ करता थी।
