Manipur Horror: हिंसा प्रभावित मणिपुर में चार मई को महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध का एक वायरल वीडियो देश और दुनिया में बहस का मुद्दा बन गया है। इसी चार मई को हुई एक और सनसनीखेज वारदात का मामला (FIR) पुलिस ने दर्ज किया है। इस वारदात में पुलिस की हिरासत से खींचकर एक युवक की उग्र भीड़ द्वारा सरेआम हत्या (Mob Lynching) कर दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक भीड़ के हमले के आगे बेबस पुलिस वालों को मौके से भागना पड़ा था।
क्या है पुलिस कस्टडी से छिनकर युवक की मॉब लिंचिंग का पूरा मामला
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और मैतेई समुदाय की आलोचना करने वाली एक सोशल मीडिया पोस्ट को दोबारा पोस्ट करने के लिए चुराचांदपुर जिले में एक युवक को पुलिस ने उसके घर से हिरासत में ले लिया था। पुलिस उसे इम्फाल ले गई। युवक अपने जीवन में इससे पहले इस शहर में केवल एक बार गया था। चार दिन बाद जब राज्य में हिंसा फैल गई तो इंफाल की एक सड़क पर कथित तौर पर भीड़ ने उसे पीट-पीटकर मार डाला, जबकि कानूनी तौर पर उसे पुलिस हिरासत में होना चाहिए था।
स्वत: संज्ञान FIR के मुताबिक हाई कोर्ट कैंपस के पास हुई वारदात
चुराचांदपुर के रेबर्न कॉलेज में बीकॉम के छात्र वैफेई की राज्य में हिंसा के दूसरे दिन यानी 4 मई को मौत हो गई थी। जिस मामले में वैफेई को गिरफ्तार किया गया था उसके प्रभारी उप-निरीक्षक (SI) द्वारा बाद में इंफाल पूर्व के पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एक स्वत: संज्ञान एफआईआर के मुताबिक छात्र को मणिपुर हाई कोर्ट परिसर से सेंट्रल जेल, सजीवा ले जाते समय भीड़ ने मार डाला था।
न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल ले जाया जा रहा युवक, 800 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने रोका
पुलिस शिकायत के अनुसार, युवक को उस दोपहर इंफाल पश्चिम के ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष न्यायिक हिरासत के लिए पेश किया गया था और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इसमें कहा गया है कि जांच अधिकारी, एक अन्य एसआई और इंफाल पुलिस स्टेशन की एक टीम की मौजूदगी में युवक को जेल ले जाया जा रहा था। रास्ते में “पुरुषों और महिलाओं की लगभग 800 की संख्या में एक बड़ी बेकाबू भीड़” से उनका सामना हुआ।
बेकाबू भीड़ ने की पुलिस समेत सभी गाड़ियों की जांच, छीने सरकारी हथियार
पुलिस शिकायत में कहा गया है कि बेकाबू भीड़ पुलिस सहित सभी वाहनों की जाँच कर रही थी। इसमें कहा गया है कि पुलिस टीम सहायता के लिए इंफाल पश्चिम एसपी नियंत्रण कक्ष तक पहुंची, लेकिन “अनियंत्रित भीड़ मुझ (एसआई) पर और मेरी पुलिस टीम पर हावी हो गई। बेकाबू भीड़ ने आरोपी युवक को जबरन पुलिस वाहन से नीचे खींच लिया।” शिकायत के अनुसार, बेकाबू भीड़ ने पुलिस वालों से हथियार और गोला-बारूद “छीन लिया” और उन पर “लोहे की छड़ों, लाठियों आदि” से हमला भी किया।
Manipur News: मणिपुर घटना में चार आरोपी गिरफ्तार, गुस्साई भीड़ ने फूंका मुख्य आरोपी का घर | Video
बेकाबू भीड़ की हिंसा से घायल पुलिस वाले मौके से भाग खड़े हुए
शिकायत में कहा गया है कि आरोपी युवक वैफेई को बचाने की कोशिश करते समय पुलिस टीम पर भीड़ ने कब्ज़ा कर लिया और उन पर “घातक हथियारों” से हमला किया गया। इस दौरान पुलिस कर्मियों को भी चोटें आईं। शिकायत में एसआई ने कहा कि पुलिसकर्मी मौके से भाग गए, जबकि वैफेई पर भीड़ ने हमला किया और उसे पीट-पीट कर मार डाला। मणिपुर हिंसा के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध वाले दिन की यह दूसरी बड़ी वारदात है।
मारे गए युवक की चाची ने पुलिस पर उठाए सवाल, सुरक्षा में खामियों को गिनाया
पुलिस हिरासत से खींचकर भीड़ के हाथों मारे गए युवक वैफई की चाची रोज़ी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “कौन सोच सकता था कि एक सोशल मीडिया पोस्ट को दोबारा पोस्ट करने से उसकी मौत हो जाएगी?” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन यह इसका एक हिस्सा है। दूसरा ये कि हिंसा एक दिन पहले ही शुरू हो चुकी थी। जब वह अपनी पहचान के कारण असुरक्षित था, जब इतनी भीड़ थी, तो पुलिस वालों को उसे शहर में इस तरह घुमाने की क्या जरूरत थी?