Manipur Violence: पूर्वोत्तर के पर्वतीय राज्य मणिपुर में भड़की सामुदायिक हिंसा की लपटें थमती नहीं दिखती। हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों को बेहद मुश्किल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के स्कूलों को फिर से खोलने के मणिपुर सरकार के आदेश को धता बताते हुए दो समूहों के बीच गोलीबारी के बीच उपद्रवी तत्वों ने चुराचांदपुर और बिष्णुपुर की सीमा के पास एक स्कूल की इमारत में आग लगा दी।
बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा में हुई गोलीबारी में एक महिला घायल
रिपोर्ट्स के मुताबिक मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा इलाके में हुई हिंसा की हालिया घटना के दौरान एक महिला को गोली लग गई। गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए इंफाल के एक अस्पताल ले जाया गया। मणिपुर में फिर से गोलीबारी शुरू होने से सामुदायिक तनाव बढ़ गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए इलाके में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
तीन मई से वीरान पड़ा था स्कूल, आगजनी से करीब डेढ़ करोड़ का नुकसान
दूसरी ओर आगजनी का शिकार रेसिंडेशियल चिल्ड्रन ट्रेजर हाई स्कूल के मैनेजमेंट ने किताबों, फर्नीचर और बर्तनों सहित 1.5 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान की सूचना दी है। मणिपुर में तीन मई को सामुदायिक हिंसा भड़कने के बाद से स्कूल का परिसर वीरान था। करीब दो सप्ताह पहले हमले के डर से चौकीदार और उसके परिवार के सदस्य भी वहां से भाग गए थे। लगभग 500 स्टूडेंट वाले स्कूल के संस्थापक और मालिक लियान खो थामग वैफेई ने कहा, “सौभाग्य से इमारत की पहली मंजिल पर बने हॉस्टल में कोई नहीं था। हम हमले की आशंका से डर रहे थे। क्योंकि इससे पहले हमारे परिसर के पास कई घरों में आग लगा दी गई थी।”
मणिपुर में शांति बहाल होने का इंतजार कर रही है स्टूडेंट कम्यूनिटी
मणिपुर हिंसा के दौरान चुराचांदपुर और विष्णुपुर जिले में शिक्षा गंभीर रूप से बाधित हो गई है। संवेदनशील इलाकों में स्कूलों का उपयोग विस्थापित लोगों को ठहराने के लिए किया जाता था। हाल की आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं ने संवेदनशील क्षेत्रों में स्कूलों को फिर से खोलने की संभावना को और मुश्किल कर दिया है। राज्य में तमाम लोगों के साथ ही स्टूडेंट कम्यूनिटी भी शांति बहाल होने का इंतजार कर रही है।
