कर्नाटक के मंगलुरु में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन के दौरान एक व्यक्ति को पुलिस ने कथित रूप से उसकी बेटी के सामने गोली मार दी। इससे उसकी मौत हो गई। बेटी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके पिता को उसके सामने मार डाला। बेटी ने कहा उसका परिवार नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी नहीं कर रहा था। उसके पिता निर्दोष थे।
गोली बाईं आंख में लगी, मौके पर ही मौत :इंडिया टूडे टीवी के मुताबिक 42 साल का जलील एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता था। वह कर्नाटक के मंगलुरु के बंदर इलाके में अपने दो बच्चों शिफानी (14) और सबील (10) तथा पत्नी के साथ रहता था। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुक्रवार (20 दिसंबर) को कुछ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान जलील के बच्चों को स्कूल वैन बीच रास्ते में ही छोड़कर चली गई। जलील उन्हें लेने गया था। जब वह घर पहुंचा तो पुलिस वहां आई और उसको गोली मार दी। गोली उसके बाईं आंख में लगी। उसे फौरन एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बेटी ने हत्या के लिए पुलिस को बताया जिम्मेदार : उसकी बेटी ने अपने पिता की हत्या के लिए पुलिस को दोषी ठहराया और कहा, “उन्होंने मेरे पिता को मेरे सामने मार दिया।” पिता को खो देने से बेहद दुखी और पीड़ित किशोरी आगे कुछ नहीं बोल सकी। घटना को यादकर परिवार के लोग फफक पड़ते हैं। घटना ने उनके जीवन को बदल दिया।
एक दिन पहले हिंसक हो गया था आंदोलन : जलील के परिवार ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन का हिस्सा भी नहीं थे। मंगलुरु में विरोध प्रदर्शन 19 दिसंबर को हिंसक हो गया था। जलील के परिवार के एक सदस्य ने कहा कि शुरू में पुलिस ने दावा किया था कि 7000 से 9000 लोगों की भीड़ थी, जबकि केवल 50 से 100 लोग ही विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने पुलिस की निंदा करते हुए कहा कि इतने लोगों को भी पुलिस नियंत्रित नहीं कर सकी। घटना के बाद से लगातार रो रही जलील की पत्नी बोलने की स्थिति में नहीं है।