गुजरात में एक 25 वर्षीय शख्स को अपनी नाबालिग चचेरी बहन से बलात्कार और हत्या के आरोप में अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। दीसा में सत्र अदालत ने यह फैसला उस मामले में सुनाया है, जिसमें आरोपी अपनी चचेरी बहन को 16 अक्टूबर 2020 में दंतीवाड़ा बांध दिखाने की बात कहकर ले गया था। आरोपी की चचेरी बहन व 11 वर्षीय पीड़िता बोलने व सुनने में अक्षम थी।
दीसा में सत्र अदालत ने उस व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई, जिसने छोटी लड़की के साथ क्रूरता की हद पार कर दी थी। आरोपी 16 अक्टूबर, 2020 को दंतीवाड़ा बांध दिखाने की पेशकश कर लड़की को ले गया था। लेकिन वह बच्ची को दीसा से 10 किलोमीटर दूर मोती भाखर गांव के पास वन क्षेत्र में ले गया। जहां आरोपी ने पीड़िता के साथ बलात्कार करने के बाद उसके निजी अंगों को भी लकड़ी के डंडे के इस्तेमाल से क्षतिग्रस्त कर दिया था और फिर सिर भी काट दिया था।
मोती भाखर गांव के पास वन क्षेत्र में इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी शव को फेंक कर फरार हो गया था। लड़की का कटा सिर भी वन क्षेत्र में मिला था। मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने अपनी जांच में वारदात स्थल और रास्ते के सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे। कई फुटेज की जांच के बाद एक में आरोपी अपनी चचेरी बहन के साथ बाइक पर दिख रहा था। जिसमें वह पीड़िता को अपनी बाइक पर ले जाते हुए साफ दिख रहा था।
विशेष लोक अभियोजक सीजी राजपूत ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ सबूत मिलने पर उसे पूछताछ के लिए बुलाया था। पहले तो आरोपी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिए, लेकिन जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। साथ ही सिलसिलेवार ढंग से उसने पूरे घटनाक्रम को भी बताया था।
इस मामले में पीड़िता के पिता की शिकायत पर दंतीवाड़ा थाने में आईपीसी की धारा 307 और बाल यौन अपराध रोकथाम (पास्को) अधिनियम की धारा 4 व 6 के तहत मामला दर्ज किया गया था। विशेष लोक अभियोजक सीजी राजपूत ने कहा, “यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों की रोकथाम (पास्को) अधिनियम लागू होने के बाद बनासकांठा में मौत की सजा का यह पहला मामला है।