जब कब्र तोड़कर लाश बाहर आई तो ऐसे-ऐसे राज उजागर हुए जो करीब ढाई साल से जमीन के अंदर दफ्न थे। मामला दिल्ली का है। डाबड़ी इलाके के एक घर में कुछ दिनों पहले एक लड़की किराये पर कमरा लेने के लिए पहुंची। कमरा पसंद आते ही लड़की ने यह मकान किराये पर ले लिया। कुछ ही दिनों बाद लड़की ने मकान मालिक से कहा कि वो घर की लॉबी यानी बालकनी में ग्रिल लगवा दें। लड़की की बात मानकर मकान मालिक ने लॉबी में ग्रिल लगवाने का काम शुरू कराया। लॉबी में जिस जगह ग्रिल लगवानी थी वहां पहले से गमले में तुलसी का पौधा लगा हुआ था जो अब काफी बड़ा हो गया था।
काम करने आए मजदूरों ने सबसे पहले इस गमले को यहां से हटाने का काम शुरू किया। गमले को हटाने के बाद ग्रिल लगाने के लिए यहां मिट्टी की खुदाई शुरू हुई। खुदाई के दौरान थोड़ी ही मिट्टी हटाने के बाद यहां काम कर रहे मजदूर जमीन के अंदर दफ्न एक नरकंकाल को देख सकते में पड़ गए। घर की लॉबी में नरकंकाल मिलने की खबर पुलिस को भी लगी और फिर शुरू हुई इस पूरे मामले की जांच।
पुलिस को पूरा मामला पता करने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। कब्र से बाहर आए नरकंकाल ने सभी राज खोल दिए। यह खुलासा हुआ कि फरवरी 2016 में इसी मकान में 35 साल का विजय कुमार महाराणा अपने 24 साल के भांजे जय प्रकाश के साथ किराये पर रहता था। विजय मूल रूप से आंध्र प्रदेश का रहने वाला था और दोनों यहां गुरुग्राम के किसी कंपनी में कार्यरत थे।
6 और 7 फरवरी के दरम्यान मामा-भांजे के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई और विजय ने अपने भांजे का कत्ल कर दिया। किसी को शक ना हो इसके लिए विजय ने घर की लॉबी में ही जय प्रकाश के शव को हमेशा-हमेशा के लिए दफ्न कर उसपर तुलसी के पौधे लगा दिये। उस वक्त जब जय प्रकाश के घरवालों ने विजय से संपर्क किया था तो विजय ने बतलाया कि जयप्रकाश वैष्णो देवी गया हुआ है।
नरकंकाल के पास पड़े कपड़ों को देखकर जयप्रकाश की मां ने अपने बेटे की शिनाख्त कर ली है। इस मामले में 12 फरवरी 2016 को जयप्रकाश के घरवालों ने डाबड़ी थाने में गुमशुदगी का केस भी दर्ज करवाया था। बहरहाल अभी आरोपी विजय कुमार महाराणा फरार है और पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

