रूस में 900 से ज्यादा महिलाओं संग बलात्कार और 5 स्कूली बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले एक खूंखार अपराधी को मुल्क की एक अदालत ने 22 साल 6 महीने की कठोर कारवास की सजा सुनाई है। चौंकाने वाली बात यह है कि 37 साल के सोने के दांत वाले विक्टर लिशावस्की ने उन बच्चों को भी नहीं बख्शा जिनका वह कानूनी अभिभावक था। आरोप है कि लिशावस्की इन बच्चों का इस्तेमाल अपने ‘निजि हरम’ और ‘सेक्स स्वेल’ के रूप में किया। रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने कोर्ट के समक्ष अपने सभी अपराधों को स्वीकार कर लिया। मामले में एक चर्च के पूर्व प्रमुख पादरी कहते हैं कि उन्होंने यौन शोषण का इससे खौफनाक मामला रूस के इतिहास में पहले कभी नहीं सुना।

रूस के कोमसोमोल्स ऑन अमुर की एक अदालत के मुताबिक आरोपी ने 900 से अधिक बलात्कार यौन हिंसा के अपराध को स्वीकार किया है। आरोपी ने बताया कि उनसे जिन महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाया उनमें अधिकतर की उम्र 13 साल के करीब थी। कोर्ट ने अपराधी को उसके अपराध के बदले कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अपराधी की रिहाई के बाद वह दो सालों तक शहर छोड़कर नहीं जा सकेगा, इसके अलावा उसे नियमित रूप में पुलिस में हाजिरी देनी होगी। रिहाई के बाद बीस साल तक वह बच्चों के संग काम भी नहीं कर सकेगा।

लैशवस्की को महिलाओं संग अत्याचारों के करीब पांच साल बाद तब पकड़ा गया जब उसके चंगुल से भागकर एक लड़की ने सारी कहानी अपनी मां ओलगा को बताई। ओलगा उस वक्त तक लैशवस्की की घिनौनी हरकतों से अंजान थीं। इसके अलावा एक अन्य पीड़िता ने भी लैशवस्की पर ऐसे ही गंभीर आरोप लगाए हैं।

कोर्ट ने बताया कि दिन में अपराधी जूते की दुकान चलाता था जबकि रात में किशोर लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाता था। दोषी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, ‘लैशवस्की नाबालिग संग बलात्कार का दोषी साबित हुआ है। कुछ नाबालिगों संग उसने क्रूरता भी की।’ इसके अलावा कोर्ट ने उसे 16 से कम उम्र की लड़कियों संग हिंसा किए बिना अश्लील कृत्यों का दोषी भी माना है।