चुस्त-दुरुस्त और तैराकी में माहिर। लेकिन इन बेजोड़ खूबियों के बावजूद इस शख्स की पहचान एक खूंखार डकैत के तौर पर रही। चंबल की पहाड़ियों में कभी कुख्यात भरोसी मल्लाह का आतंक इतना ज्यादा था कि कोई भी उसके खिलाफ जुबान खोलने से कतराता था। बताया जाता है कि करीब 3 दशक तक बेखौफ डकैत भरोसी मल्लाह ने पुलिस को छकाया था। साल 2016 में पुलिस ने भरोसी मल्लाह को घेर कर एनकाउंटर कर दिया था।
साल 2015 में भरोसी मल्लाह ने तेजपाल मल्लाह नाम के एक शख्स को किडनैप किया था। उसने तेजपाल मल्लाह को छोड़ने के एवज में 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। उसने मुरैना की जिला पुलिस को तेजपाल मल्लाह के कत्ल करने की धमकी दी थी। उसने तेजपाल मल्लाह पर मुखबिरी का आरोप लगाया था। उस वक्त पुलिस ने बताया था कि मल्लाह समुदाय में भरोसी मल्लाह की काफी पैठ थी।
इसलिए चंबल के पास बहने वाली नदियों में नाव चलाने वाले नाविक इस डकैत की ताकत थे। बताया जाता है कि यही वजह है कि चंबल में कई दिनों तक इस डकैत की तूती बोलती रही और पकड़ाने से बचा रहा। लेकिन तेजपाल मल्लाह की किडनैपिंग के बाद मल्लाह समुदाय में फूट पड़ गई और फिर दबाव की वजह से उसे तेजपाल मल्लाह को रिहा करना पड़ा।
पुलिस ने इसी आपसी विवाद का फायदा उठाया और फिर धीरे-धीरे उसकी गतिविधियों की जानकारी पुलिस को मिलने लगी। बताया जाता है कि साल 2016 में अगस्त के महीने में एक दिन अहले सुबह शिहोर पुलिस ने इस दुर्दांत डकैत को घेरा और उसे वहीं ढेर कर दिया। बता दें कि इस डकैत पर 35,000 रुपया का इनाम रखा गया था। पुलिस ने डकैत को एनकाउंटर में मारने के बाद उसके पास से 315-बोर की रायफल और 12-बोर गन बरामद किया था। इसके अलावा कुछ जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया था।
