सिद्धू मूसेवाला को मारने वाले गैंगस्टर मनप्रीत सिंह मन्नू उर्फ कुसा और जगरूप रूपा को बुधवार (20 जुलाई) के दिन पंजाब पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया। यह एनकाउंटर अमृतसर के भकला कलां गांव में हुआ, जहां यह दोनों एक घर में हथियारों के साथ छिपे हुए थे। पुलिस के मुताबिक मनप्रीत ही वह शूटर था जिसने सिद्धू को एके 47 से पहली गोली मारी थी। इस बात के पीछे भी एक लंबी कहानी है जिसे आपको बताते हैं।
कौन था मनप्रीत
पंजाब के मोंगा जिले के कुसा गांव के रहने वाले मनप्रीत उर्फ मन्नू पर करीब 13 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनके चलते वह जेल आया-जाया करता था। वह आदतन अपराधी था। मनप्रीत, लॉरेंस गैंग से जुड़ा था और उसका सबसे बड़ा दुश्मन दविंदर बंबिहा ग्रुप था, जिस पर विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या का आरोप है। लॉरेंस का ग्रुप यह मानता है कि मूसेवाला की बंबिहा ग्रुप से नजदीकियां हैं।
बहन के साथ छेड़खानी और जेल में पिटाई ने भरा गुस्सा
जरायम की दुनिया में एक कहावत है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है, वैसे ही मनप्रीत के साथ था। शुरुआत में मनप्रीत क्रिमिनल बना तो दुश्मनी बंबिहा ग्रुप से हुई, कारण था कि इस ग्रुप से जुड़े बदमाशों ने उसकी चचेरी बहन को छेड़ दिया। मनप्रीत कुछ कर इसलिए नहीं पाया क्योंकि दविंदर बंबिहा का ग्रुप उस वक्त पंजाब में पूरे उफान पर था। वहीं, जब थोड़े दिनों बाद वह जेल पहुंचा तो उसे इसी बंबिहा ग्रुप के बदमाशों ने जमकर पीटा।
मूसेवाला मर्डर के आरोपी गैंगस्टर अटारी बॉर्डर के पास हुए एनकाउंटर में किये गए ढेर, देखें वीडियो
जेल से बाहर आते ही गैंगस्टर पेंटा को किया ढेर
जेल में बंबिहा ग्रुप से जुड़े बदमाशों ने गैंगस्टर लकी पटियाल की अगुवाई में मनप्रीत को जूते-चप्पलों से पीटा और उसका वीडियो बनाया। कुछ दिनों बाद यह वीडियो वायरल हुआ तो मनप्रीत को बात खल गई। उसने ठान लिया कि वीडियो वायरल करने वाले गैंगस्टर हरजीत पेंटा और सुखप्रीत को ठिकाने लगाएगा। समय का चक्र ऐसा घूमा कि मनप्रीत और पेंटा दोनों को इसी साल अप्रैल में जमानत मिली, जिसमें मौका मिलते ही मनप्रीत ने पेंटा को ढेर कर दिया।
मूसेवाला की हत्या में बिना पैसे लिए किया काम
इसी दौरान, इधर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस ग्रुप मूसेवाला हत्याकांड की साजिश रच रहा था। गोल्डी की रेकी और शूटरों को सुपारी देने के बीच पंजाब मॉड्यूल में मनप्रीत का नाम सामने आया। मनप्रीत को पता चला तो उसने बिना पैसों के सिद्धू को मारने की बात पर हामीं भर दी। उसका मकसद था कि किसी तरह बंबिहा ग्रुप से बदला लिया जाए। इसी दौरान उसने गोल्डी बराड़ को इस बात के लिए राजी कर लिया था कि सिद्धू को पहली गोली वही मारेगा। इसी के बाद उसने अन्य शूटरों के साथ 29 मई को वारदात को जवाहरके गांव में अंजाम दिया था।