दुनिया में कई खूंखार लोगों की कहानिया हैं। जो इंसान के खून को पानी की तरह बहाने में जरा भी नहीं सोचते थे। ऐसे दरिंदे अपने शिकार को बेरहमी से तड़पा के जान लेने में अपनी शान समझते थे। ऐसा ही एक सीरियल किलर की कहानी पुर्तगाल में आज भी जिंदा है। हालांकि घटना को 178 साल हो चुके हैं। लेकिन इसका चेहरा आज भी लोगों के सामने है। अपने अपराध में सजा पाए इस दरिंदे का सिर ही काटकर रख लिया गया था।
मामला पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन का है। यहां के लोग आज भी उस दरिंद को देख सकते हैं, जिसने 70 से ज्यादा लोगों को तड़पा के मार दिया था। इसका नाम डियोगो था। डियोगो का जन्म 1810 में हुआ था। वह कम उम्र में ही काम करना चाह रहा था। लेकिन काम न मिलने के चलते वह अपराध की दुनिया में उतर गया। रोजगार न मिलने से परेशान डियोगो ने लोगों से लूटपाट करनी शुरू कर दी।
लेकिन ऐसा करने से उसके मन में अपनी पहचान उजागर होने और फंसने का डर बैठ गया। इसके बाद उसने अपनी सोच खूंखार कर ली। वह लोगों को लूटने के बाद उन्हें मारने लगा। यहां वह और भी ज्यादा दिमाग लगाने लगा। वह लोगों को इस तरह से मौत के घाट उतारता मानो उन्होंने आत्महत्या की हो। वह खुद को अपनी इस खौफनाक सोच में सफल होता देख रहा था।
डियोगो लोगों को एक पुल के पास लूटता और फिर उन्हें मार देता। पहली बार में पुलिस भी ध्यान नहीं दे पाई। पुलिस को लगा कि लोग गरीबी और भुखमरी के चलते पुल पर आकर आत्महत्या कर रहे हैं। लेकिन कुछ समय बाद पुलिस ने पाया कि वहां मिलने वाली सभी लाशों पर हथियार के निशान हैं। जिसके बाद उन्हें यह समझते देर नहीं लगी कि यह वारदातें कोई सीरियल किलर ही अंजाम दे रहा है।
इतना ही नहीं, करीब 70 से ज्यादा लोगों को मारने के बाद वह अचानक गायब हो गया और करीब तीन साल तक गायब ही रहा। इस दौरान उसने अपनी गिरोह तैयार की। कई संगीन अपराधियों को अपने साथ मिलाया और हथियार खरीदे। इनके दम पर वह बड़ी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में था।
स्थानीय पुलिस के पास आज भी डियोगो का रिकॉर्ड है। बताया जाता है कि उसे एक अजीब सनक सवार हो जाती थी। वह लोगों को तड़पते देखना चाहता था। लोगों को दर्द में तड़पाने में मजा आता था। वह अपने शिकार को तब तक तड़पाता था, जब तक उनकी जान न चली जाए। उसके खिलाफ मामले बढ़ते ही जा रहे थे। पुलिस के भी हाथ पैर फूलने लगे थे। लेकिन वह लंबे समय तक जंगलों में छिपा रहता था। हालांकि एक डॉक्टर की हत्या के बाद वह आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया।
साल 1841 में उस पर केस चला। इसके बात उसे 70 से ज्यादा खून करने का दोषी पाया गया। आरोप साबित होने पर उसे फांसी की सजा सुनाई गई। हालांकि इस सीरियल किलर के बारे में जाने के बाद इसके दिमाग को समझने की कोशिश की जाने लगी। इसके लिए डियोगो के सिर की जरूरत थी। उस दौरान फैनोलोजी विज्ञान का बहुत महत्व था। इसी की मदद से उसके शैतानी दिमाग को समझा जा सकता था। इसलिए वैज्ञानिकों ने कोर्ट से उसका सिर दिलाने की मांग की। इसके बाद उसका सिर साइंटिस्ट्स को सौंप दिया गया और धड़ का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके बाद कई प्रयोगों के बाद भी वैज्ञानिकों को कुछ नहीं हासिल हुआ। बस उसका सिर आज भी केमिकल की मदद से वैसा ही रखा है। (और… Crime News)
