वो देश के एक राज्य के बड़े पुलिस अधिकारी हैं। लेकिन आज इस पुलिस अधिकारी की चर्चा हम उनके बेहतरीन कामों को लेकर नहीं कर रहे बल्कि इसकी वजह कुछ और ही है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। कहा जा रहा है कि इस पुलिस अफसर ने पिछले एक महीने से अपने कमरे में अपने पिता की लाश रखी है और वो उन्हीं के साथ रह रहे हैं। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एडिशनल डायरेक्टर जनरल यानी एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा की। एडीजी राजेंद्र मिश्रा से जुड़ी यह खबर सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। भोपाल में एडीजी को सरकारी आवास के तौर पर डी-7, 74 बंगला स्थित घर अलॉट किया गया है।
एडीजी के पिता कालूमनी मिश्रा भी इसी बंगले में रहते हैं। जानकारी के मुताबिक बीते 13 जनवरी, 2019 की रात को अचानक एडीजी के पिता कालूमनी मिश्रा की तबियत बिगड़ गई और उन्हें यहां स्थित बंसल अस्पताल में भर्ती कराया गया। कालूमनी मिश्रा को फेफड़े में संक्रमण की शिकायत थी। अगले ही दिन यानी 14 जनवरी की शाम डॉक्टरों ने एडीजी के पिता को मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं चिकित्सकों ने एडीजी को उनके पिता का डेथ सर्टिफिकेट भी सौंप दिया। लेकिन पिता की मौत के बाद एडीजी ने उनका अंतिम संस्कार नहीं किया और वो डेड बॉडी को लेकर अपने बंगले पर चले गए।
एडीजी ने ऐसा क्यों किया? इसके बारे में विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि एडीजी का मानना है कि उनके पिता का इलाज अस्पताल में ठीक से नहीं हुआ और वो अभी अपने पिता का इलाज कर रहे हैं। पिछले एक महीने से राजेंद्र कुमार मिश्रा अपने मृत घोषित पिता के साथ इसी बंगले में रह रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि राजेंद्र मिश्रा झाड़-फूंक की बदौलत अपने पिता को फिर से जीवित करने में लगे हैं। कमरे में लाश के साथ एक आईपीएस अधिकारी के रहने की यह खबर उस वक्त बाहर आई जब एडीजी के मृत पिता की तीमारदारी में लगे दो एसएएफ के जवान बीमार पड़ गए। इस खबर के बाहर आने के बाद इस पूरे मामले की तफ्तीश के लिए डीजीपी वीके सिंह ने एडीजी रैंक के अधिकारियों की एक टीम बना दी।

