मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई। नाबालिग दलित लड़की को जिंदा जलाकर जान से मारने की कोशिश की गई है। इस घटना में बुरी तरह झुलसी किशोरी ने बताया, ‘मुझसे बलात्कार करने का प्रयास किया गया था, जिसका मैंने विरोध किया। इस पर आरोपी ने मेरे ऊपर केरोसिन का तेल उड़ेल कर आग लगा दी थी।’ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को दबोचने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। मध्य प्रदेश में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है। वर्ष 2012 में पश्चिमी निमाड़ जिले के कसरावद थाना क्षेत्र के सलाखेड़ी में एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। आरोपी ने पीड़िता को जिंदा जला दिया था। हादसे में बुरी तरह झुलसी 10वीं की छात्रा ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। लोगों ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। गोविंद महावर ने ट्वीट किया, ‘…और हमें राष्ट्रमाता पद्मावती की रक्षा करनी है।’ पीड़िता की जाति उजागर करने पर भी आपत्ति जताई गई है। सुनील ने लिखा, ‘क्या आपने कभी नाबालिग राजपूत, नाबालिग पंडित लिखा है? पीड़ित तो पीड़ित होता है और आरोपी सिर्फ आरोपी। आप जाति क्यों बताते हैं?’
Rajgarh (Madhya Pradesh): Minor Dalit girl torched, allegedly after she resisted rape, victim says, ‘he threw kerosene on me & then lit fire.’ Police say, ‘case has been registered and teams are looking for the accused.’ (11.02.2018) pic.twitter.com/rXITl1Zg3L
— ANI (@ANI) February 12, 2018
पिछले साल दिसंबर में भी एक किशोरी से दुष्कर्म के बाद उसे जिंदा जलाने की घटना सामने आई थी। सागर जिले में आरोपियों ने आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता के शोर मचाने पर आरोपियों ने उस पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी थी। नाबालिग के परिजनों ने बताया था कि हादसे के वक्त वह घर पर अकेली थी। उसी वक्त वहां पर दो युवक पहुंचे और उससे छेड़छाड़ करने लगे थे। पड़ोसियों ने आकर आग बुझाई थी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा पिछले साल जारी हुए आंकड़ों में मध्य प्रदेश में दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। राज्य की राजधानी भोपाल में भी एक छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। शुरुआत में पुलिस ने मामला दर्ज करने में आनाकानी की थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। मध्य प्रदेश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए आरोपियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। विधानसभा से पारित विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया है। मालूम हो कि इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कई विधायकों ने आशंका जताई थी कि दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी पीड़िता की हत्या कर सकते हैं।