UPSC को लेकर देश के युवाओं में एक अलग जुनून देखा जाता है। यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसी परीक्षा से IAS, IPS, IRS जैसे अहम पदों के लिए कैंडिडेट्स का चयन होता है। आज एक ऐसी IAS अधिकारी की बात करेंगे जिनका करीब 16 फ्रैक्चर हो चुका था और 8 बार सर्जरी हो चुकी थी, लेकिन उन्होंने इन सबके बावजूद यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया।

यूपीएससी की तैयारी करना उम्मुल के लिए बिल्कुल आसान नहीं था क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। एक समय तो उम्मुल के परिवार के सामने ऐसा आ गया था कि वह दिल्ली के निजामुद्दीन की झुग्गियों में रहता था और सरकारी आदेश के बाद उन झुग्गियों को तोड़ दिया गया था। इसके बाद उनका परिवार त्रिलोकपुरी में किराए के मकान में रहने लगा। उम्मुल ने बहुत कम उम्र में ही ट्यूशन पढ़ानी शुरू कर दी थी।

उम्मुल की ट्यूशन से घर के खाने का इंतजाम होता था। पिता फेरी लगाया करते थे और कमाई इतनी भी नहीं थी कि परिवार पेट भर खाना खा सके। उम्मुल का जन्म राजस्थान के पाली मारवाड़ में एक गरीब परिवार में हुआ था। परिवार में तीन भाई-बहन और मां-पापा थे। जब उम्मुल पांच साल की थीं तो उनका परिवार दिल्ली आ गया था। उम्मुल ऑस्टियो जेनेसिस जैसी बीमारी से ग्रस्त थीं जिससे शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

2008 में अर्वाचीन स्कूल से 12वीं पास करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान से ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया। 2011 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद उम्मुल ने जेएनयू के इंटरनेशनल स्टडीज स्कूल से पहले एमए किया और फिर इसी यूनिवर्सिटी में एमफिल/पीएचडी कोर्स में दाखिला लिया। JNU में दाखिले की प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि यहां एंट्रेंस एग्जाम द्वारा चुनिंदा स्टूडेंट्स का एडमिशन हो पाता है, लेकिन उम्मुल को यहां एडमिशन मिल गया।

2012 में जब वह एमए की स्टूडेंट थीं तो उनका एक्सीडेंट हो गया था जिसके बाद वह व्हीलचेयर पर आ गई थीं। उम्मुल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके 16 बार फ्रैक्चर हो चुका है, जिसके कारण 8 बार सर्जरी भी हुई।

एक इंटरव्यू में उम्मुल ने कहा था, ‘जीवन का कोई भी क्षेत्र हो। उसके प्रति आप अपना पूरा डेडिकेशन रखें। जरूरी नहीं कि आप गरीब हैं तो आपके सपने भी गरीब होंगे। सारे बंधनों को तोड़कर, सारे हालात से आगे बढ़कर थोड़ा सा ऊंचा सपना रखना पड़ेगा। ईमानदारी के साथ सपनों का पीछा करिए। उन्हें पूरा करने के लिए पूरी मेहनत करिए। एक दिन आएगा जब आपके सपने पूरे होंगे।’