UPSC क्लियर करने के लिए कितना धैर्य चाहिए होता है इसकी एक मिसाल है यशवंत मीणा। यूपीएससी एग्जाम जल्दबाजी में क्लियर नहीं होता और इसके लिए निरंतर प्रयास भी बहुत जरूरी होता है। यशवंत मीणा ने साल 2019 में AIR 797 रैंक हासिल की थी। भले ही उन्होंने 2019 में ये कामयाबी हासिल की, लेकिन उनका संघर्ष बहुत लंबा चला था।

10 साल लंबे संघर्ष में यशवंत मीणा ने एक बार भी उम्मीद नहीं छोड़ी और चार प्रयास में वह रह भी गए थे। आखिरकार पांचवे प्रयास में उन्हें कामयाबी हासिल हुई। उनकी संघर्ष गाथा बताती है कि बिना संघर्ष और धैर्य के यूपीएससी क्लियर नहीं की जा सकती। शुरुआत में उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि उन्हें इतना लंबा सफर तय करना पड़ेगा।

यशवंत मीणा ने इंटरमीडिएट करने के बाद इंजीनियरिंग करने का फैसला किया था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उन्हें यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला ख्याल आया था। डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने यूपीएससी के लिए जी-तोड़ मेहनत करना भी शुरू कर दिया। दस साल लंबा संघर्ष आखिरकार पांचवे प्रयास में जाकर रुका और आखिरकार वो समय आ गया जिसका यशवंत लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।

यशवंत मीणा ने बताया सफलता का मूल मंत्र: एक इंटरव्यू में यशवंत ने बताया था, ‘यूपीएससी के लिए आंसर राइटिंग काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में जितना संभव हो सके आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करनी चाहिए। वे कहते हैं कि आपका आंसर जितना बेहतर तरीके से लिखा जाएगा, उतने अच्छे नंबर आपको मिलेंगे।’

उन्होंने आगे कहा था, ‘यूपीएससी का सफर अनिश्चितताओं से भरा होता है, ऐसे में असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए। अगर आप सही दिशा में कड़ी मेहनत करेंगे तो आप यहां जरूर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कैंडिडेट्स को अपनी तैयारी का एनालिसिस करके कमजोरियों की पहचान करनी चाहिए। साथ ही वीक पॉइंट पर काम करके तैयारी को मजबूत बनाना चाहिए। उनके मुताबिक कड़ी मेहनत ही यहां सफलता का मूल मंत्र है।’