देश में कई IAS अधिकारी हुए हैं जिन्होंने परिवार की स्थिति को दरकिनार कर जी-तोड़ मेहनत की और आखिरकार अपने उद्देश्य में कामयाब भी हुए। आज हम एक ऐसे ही अधिकारी की कहानी लेकर आए हैं जिनके पिता ऑटो-रिक्शा चलाते थे और मां खेतों में मजदूरी करती थी। इनका नाम है अंसार अहमद शेख।

अंसार आज भले ही आईएएस बन गए हों, लेकिन उनकी कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरणा देगी जो अपने जीवन में यूपीएससी क्लियर कर अधिकारी बनना चाहता हैं। परिवार के लिए एक समय तो ऐसा आया था जब अंसार के भाई ने उनके लिए अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी थी क्योंकि परिवार के पास उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने के पैसे नहीं थे।

IAS अधिकारी अंसार के परिवार की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके पिता यूनुस शेख अहमद ऑटो-रिक्शा चलाते थे और वह खुद अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए वेटर की नौकरी करते थे। घर की माली हालत खराब होने के बावजूद उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सपना नहीं छोड़ा और लगातार कोशिश करते रहे।

अंसार ने 10वीं में 91 प्रतिशत नंबर हासिल किए थे और पुणे से उन्होंने राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। एक इंटरव्यू में अंसार ने बताया था कि अपने सपने को पूरा करने के लिए वह दिन में 12 घंटे पढ़ते थे और ये तीन साल तक जारी रहा था। साल 2015 में वह यूपीएससी क्रैक करने वाले सबसे युवा अधिकारी बने थे। उनकी ऑल इंडिया 361 रैंक आई थी।

एक समय तो ऐसा आया था कि उनके परिवार के पास पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए भी पैसे नहीं थे और उन्होंने इसके लिए नौकरी करने का फैसला किया था. अंसार ने फीस भरने के लिए पास के ही एक होटल में वेटर का काम करना शुरू कर दिया जहां उन्हें तीन हजार रुपए पगार पर रखा गया था. 12 से भी ज्यादा घंटे की नौकरी में उन्हें सिर्फ 2 घंटे का ब्रेक मिलता था और वह इस दौरान ही यूपीएससी की पढ़ाई किया करते थे।

अंसार अहमद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे कैंडिडेट के लिए जरूरी है कि वह सेल्फ-स्टडी पर सबसे ज्यादा ध्यान दें। क्योंकि कोचिंग से आपको वो सब चीजें नहीं मिल सकतीं जो आप खुद पढ़ाई कर हासिल कर सकते हो।