Written by Rahul V Pisharody
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में विमान अपहरण की सनसनीखेज खबर आखिरकार झूठी साबित हुई। हालांकि, साइबराबाद पुलिस उस ईमेल की जांच कर रही है जिसमें हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (RGIA) को ‘प्लेन हाईजैक की साजिश’ की चेतावनी दी गई थी। इसके कारण रविवार शाम को एयरपोर्ट और उसके आसपास अधिकारियों और लोगों के बीच दहशत फैल गई। साइबराबाद पुलिस के मुताबिक, ईमेल में दुबई जाने वाले इंडियन एयरलाइंस के विमान में एक यात्री का जिक्र किया गया था जो “अपहरणकर्ता” हो सकता है।
विमान को अलग और रद्द कर सभी 111 यात्रियों को उतारा गया, कुछ यात्रियों को रोककर पूछताछ
हैदराबाद से रविवार को रात 8 बजे इंडियन एयरलाइंस का A-951 विमान दुबई के लिए उड़ान भरने वाला था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आखिरकार विमान को अलग कर दिया गया और रद्द कर दिया गया। सभी 111 यात्रियों को विमान से उतार दिया गया और संभावित संदिग्धों के लिए हवाई अड्डे के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा उनकी जांच की गई। साथ ही, कुछ यात्रियों को पूछताछ के लिए वहीं रुकने को कहा गया। पूछताछ के बाद तीन यात्रियों को हिरासत में लिया गया है।
साइबराबाद पुलिस ने FIR दर्ज कर शुरू की जांच, फर्जी ईमेल करने वालों को जल्द पकड़ने का वादा
साइबराबाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ हैदराबाद हवाई अड्डे के टर्मिनल प्रबंधक को शाम करीब 7 बजे एक अज्ञात पते से एक ईमेल मिला था। ईमेल में कहा गया था कि दुबई जाने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक कर लिया जाएगा। इस मामले में हमें एक शिकायत मिली और हमने एफआईआर दर्ज की है। इस मामले की जांच जारी है और हम इस फर्जी ईमेल के पीछे के लोगों को जल्द पकड़ लेंगे।”
ईमेल में आईएसआई के मुखबिर और हैदराबाद एयरपोर्ट पर उसके मददगार का भी जिक्र
साइबराबाद पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार, ईमेल में एक यात्री के नाम का जिक्र किया गया है जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी (ISI) का मुखबिर है। ईमेल में इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि उस यात्री को हैदराबाद हवाई अड्डे से स्थानीय समर्थन प्राप्त था। बम के खतरे का आकलन करने वाली समिति ने मामले की पूरी जांच की और उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया। उनकी जांच पूरी होने के बाद हवाई अड्डे के सुरक्षा अधिकारियों ने तीन यात्रियों को आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस को सौंप दिया।
साइबराबाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 385 (जबरन वसूली के लिए किसी व्यक्ति को चोट के डर में डालना) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया है।