विद्वान कह गए हैं कि क्रोध ही अंत को जन्म देता है। इसी गुस्से ने जन्म दिया एक अपराधी को, जो पहले एक मामूली सा वेटर था। एक हत्या के बाद यह वेटर आगे चलकर मुंबई का बड़ा डॉन बना और यह वेटर सदानंद शेट्टी था। सदानंद शेट्टी को उसके चर्चित नाम साधू शेट्टी के नाम से जाना जाता है। तो आज जानते हैं कि आखिर कैसे वेटर एक पल में कातिल बन गया।
होटल में वेटर था साधू: साधू शेट्टी मूल रूप से कर्नाटक का था और उसका जन्म उडुपी जिले के बेलापू गांव में 1952 को हुआ था। सामान्य परिवार से आने वाला साधू 70 के दशक में नौकरी करने मुंबई चला आया। काफी मशक्कत के बाद उसे चेम्बूर के एक होटल में वेटर की नौकरी मिल गई।
गुस्से में आकर किया पहला अपराध: 70 से 80 के दशक में माफिया राज मुंबई में उस समय चरम पर था। ऐसे में एक विष्णू नामक स्थानीय बदमाश होटल में जबरन वसूली करने आया। होटल मालिक के मना करने पर मारपीट शुरू हो गई और इसी बीच गुस्साए साधू ने लोहे की रॉड से बदमाश के सिर पर घातक हमला कर दिया और उसकी हत्या कर दी। इस सनसनीखेज वारदात ने सभी को दंग कर दिया और साधू शेट्टी का नाम चर्चा में आ गया।
इस डॉन की गैंग में हुआ शामिल: विष्णू नामक स्थानीय बदमाश की हत्या के बाद साधू को जेल हुई। जेल से बाहर आते ही उसने वरदराजन की गैंग ज्वाइन कर ली। वरदराजन अब उस पर भरोसा करने लगा और अवैध शराब की तस्करी का धंधा उसे सौप दिया। साधू अब बड़ा नाम बन चुका था और वरदराजन पुलिस अफसर पवार के दबाव के चलते चेन्नई जाने की तैयारी में था। 1980 में वरदराजन चेन्नई चला गया तो सारा काम साधू ने संभाल लिया।
जब लगा साधू पर NSA: अवैध शराब के धंधे ने उसके संपर्क को बढ़ाया तो वह माफिया राजन बंधुओं के साथ मिल गया। साल 1982 में उस पर एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगा दिया गया। 1983 में बड़ा राजन के कत्ल के बाद से 1985 के बीच छोटा राजन के साथ मिलकर साधू शेट्टी ने पूरी मुंबई में आतंक मचा दिया। कई सारी घटनाओं को अंजाम देने के बाद साधू शेट्टी 1992 में मुंबई छोड़ वापस घर चला गया। लेकिन कुछ सालों बाद डकैत नागू को गोली मारने के जुर्म में गिरफ्तार हो गया और पांच साल जेल में रहा।
जेल से छूटने के बाद साधू शेट्टी वापस मुंबई लौटा, लेकिन 1996 में जब एक केस में पेशी के लिए ले जाया गया तो उस पर सेशन कोर्ट में जोरदार हमला हुआ पर वह बच निकला। इन सालों में साधू खामोश रहा लेकिन जब विधायक वसंत की हत्या हुई तो आरोप साधू पर भी लगा। साल 2000 में हत्या की घटना के बाद साधू फरार हो गया। लंबी फरारी के बीच एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर ने मई 2002 में एक मुठभेड़ के दौरान साधु शेट्टी को मार गिराया।