हरियाणा के रेवाड़ी में एक छोटा सा गांव है खुशबूरा। इसी गांव में पुष्पलता का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई के लिए वो अपने गांव के थोड़ी दूर स्थित अन्य गांव के एक स्कूल में गई थीं। इस दौरान पुष्पलता अपने चाचा के घर रहती थीं। दरअसल पुष्पलता के गांव में जो स्कूल था उसके प्रॉसपेक्ट्स से वो संतुष्ठ नहीं थीं इसीलिए उन्होंने दूसरे गांव के स्कूल में दाखिला लिया था।
साल 2006 में पुष्पलता ने बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एमबीए में एडमिशन लिया। एक साक्षात्कार में पुष्पलता ने बताया था कि ‘मैंने प्राइवेट सेक्टर में 2 साल तक काम किया। इसमें हैदराबाद स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल है। उस समय काम सीमित था और मुझे ऐसा लगता था कि अब इससे आगे जाने का कोई रास्ता नहीं है, लेकिन मैं कुछ और करना चाहती थी।
साल 2011 में पुष्पलता की शादी हो गई और वो मानेसर चली गईं। यहां आने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया। खुद पुष्पलता ने साक्षात्कार में कहा था कि इस वक्त तक उन्हें नहीं पता था कि आईएएस अफसर क्या कर सकते हैं और उनको क्या शक्तियां हासिल होती हैं? पुष्पलता के पति पेशे से चिकित्सक थे और उन्होंने ही उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया। पु्ष्पलता ने बताया था कि उनके लिए यूपीएससी की परीक्षा किसी चुनौती से कम नहीं थी क्योंकि उन्होंने पिछले 5 साल से पढ़ाई-लिखाई तक नहीं की थी।
पुष्पलता ने जब अपनी तैयारी शुरू की थी तब उनका एक बेटा भी था गर्वित और उस वक्त वो 2 साल का था। 2 साल के मासूम बच्चे को पालते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। पुष्पलता हर रोज सुबह अपने बेटे को स्कूल भेजने से पहले पढ़ा करती थीं। बेटे के स्कूल जाने के बाद वो दोबारा कुछ घंटे पढ़ती थीं। इसके बाद वो बेटे के घर वापस आने के बाद शाम के वक्त भी कुछ घंटे अपनी पढ़ाई-लिखाई किया करती थीं।
शुरू में पुष्पलता सिविल सर्विस की तैयारी को लेकर काफी कन्फ्यूजन में थी। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह इस कठिन परीक्षा की तैयारी कैसे करें। ऐसे में उनके डॉक्टर पति ने उनका हौंसला बढ़ाया था। पुष्पलता ने कहा था कि उनकी इस सफलता में उनके पति और इनलॉज का बहुत बड़ा योगदान रहा। उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान उनका काफी सपोर्ट किया।
पुष्पलता घर की जिम्मेदारी संभालने के अलावा पढ़ाई भी करती थीं। कड़ी मेहनत कर पुष्पलता ने साल 2017 में कड़ी मेहनत के बाद यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और 80वीं रैंक के साथ टॉपर्स की सूची में शामिल हो गईं।