उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में पुलिस हिरासत में प्रदीप तोमर नाम के युवक की मौत के मामले में 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। बता दें कि यह मामला रविवार (13 अक्टूबर) को सामने आया था, जिसके 4 दिन बाद केस दर्ज किया गया। सातों पुलिसकर्मियों पर कस्टडी में मौत का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

परिजनों ने लगाया था हत्या का आरोप: जानकारी के मुताबिक, एफआईआर में डीएसपी हापुड़ संतोष कुमार, एसएचओ पिलखुआ योगेश बालियान और सब-इंस्पेक्टर अजब सिंह का नाम शामिल है। वहीं, 4 पुलिसकर्मी अज्ञात बताए जा रहे हैं। हापुड़ की छिजारसी पुलिस चौकी में रविवार को संदिग्ध हालात में प्रदीप तोमर की मौत हो गई थी। इस मामले में प्रदीप के परिजनों ने पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया था।

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बेटे ने सुनाई थी आंखों देखी दास्तां: प्रदीप तोमर के बेटे ने अपने पिता पर हुए अत्याचार का गवाह होने का दावा किया था। उसने बताया था, ‘‘पुलिस वालों ने पापा को लात-घूंसों से मारा। लकड़ी के डंडों से पीटा और बिजली के झटके दिए। साथ ही, बार-बार पेचकस से गोदते रहे। पुलिसवालों ने पापा के मुंह में बंदूक डालकर चेतावनी दी थी कि वह इस बारे में किसी को नहीं बताएंगे।

भाई ने कहा- प्रदीप को फंसाने के लिए पुलिस ने मुझे बनाया चारा: एफआईआर के मुताबिक, रविवार को पुलिस ने सबसे पहले प्रदीप के भाई तेजपाल को लकी कूपन देने का झांसा देकर बुलाया था। तेजपाल अपनी पत्नी कविता के साथ मौके पर पहुंचा तो पुलिसवालों ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने तेजपाल से कहा कि वह झूठी सूचना देकर अपने भाई को बुलाए।

पैसे की जरूरत बता प्रदीप को बुलाया: तेजपाल ने एफआईआर में बताया, ‘‘पुलिस के कहने पर मैंने प्रदीप को कॉल किया। मैंने उससे कहा कि मेरी बाइक खराब हो गई और मुझे पैसों की जरूरत है। वह अपने बेटे के साथ पैसे लेकर छिजारसी टोल के पास पहुंचा तो पुलिस ने मुझसे उसकी पहचान कराई। जैसे ही मैंने ऐसा किया, पुलिस उसे थाने ले गई।’’ एफआईआर के मुताबिक, पुलिस ने प्रदीप को बेल्ट से पीटा था। साथ ही, उसके बेटे के सामने करंट भी लगाया था।