उनकी मां दूसरे के घरों में नौकर के तौर पर काम करती थीं ताकि वो अपने बेटे का स्कूल फीस भर सकें। बेटा पढ़ना चाहता था और उसके मां-बाप ने उसे पढ़ाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। आज बात हम जिस शख्सियत की कर रहे हैं उन्होंने बेहद गरीबी में रहकर जिंदगी गुजारी और फिर काफी उम्र में आईपीएस अफसर बनकर अपने माता-पिता का सिर गौरव से ऊंचा कर दिया। साल 2018 में सफीन हसन ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी और उस वक्त उनकी उम्र महज 22 साल थी। सफीन हसन को देश का सबसे युवा आईपीएस अफसर होने का गौरव भी हासिल है।

गुजरात के पालनपुर जिले के एक गांव कानोदर में सफीन हसन का जन्म 21 जुलाई, 1995 को हुआ था। घर की आर्थिक स्थिति शुरू से ही खराब थी लिहाजा ऐसे में सफीन के लिए जिंदगी बेहद संघर्ष भरी रही। घर में पैसों और खाने की कमी की वजह से परिवार हमेशा ही परेशानियों से जुझता रहा। सफीन हसन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई एसकेएम हाईस्कूल, पालनपुर से की थी। इसके बाद वो उच्च शिक्षा के लिए पालनपुर के ही Ascent School of Science में गए। इसके बाद उन्होंने Sardar Vallabhbhai Patel National Institute of Technology, सूरत से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में बी.टेक किया।

सफीन ने 10वीं क्लास में 92 प्रतिशत अंक लाए थे और उन्हें स्कॉलर भी मिला था। खास बात यह है कि 11वीं क्लास से सफीन ने अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई शुरू की थी। सफीन हसन के माता-पिता दूसरे के घरों में काम करते थे। पैसों की कमी को पूरा करने के लिए उनके माता-पिता गांव में कभी-कभी मजदूरी भी किया करते थे।

सफीन हसन शुरू से ही प्रतिभाशाली थे और जिज्ञासु भी थे। पढ़ाई के दिनों में बेहतरीन स्कोर हासिल कर उन्होंने कई छात्रवृतियां भी हासिल की थी। एक बार सफीन हसन के एक स्कूल में एक कलेक्टर आए थे। जिस तरह से कलेक्टर को सम्मान मिल रहा था और जिस तरह से उनके पास सुरक्षा मौजूद थी उसे देख कर सफीन बेहद प्रभावित हुए थे। घर वापस आने के बाद उन्होंने अपने आसपास के लोगों से पूछा था कि स्कूल में आने वाले शख्स कौन थे। लोगों ने उन्हें बताया था कि स्कूल में आए गेस्ट कलेक्टर थे। वो आम लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं इसीलिए उन्हें इतना सम्मान मिलता है। इसके बाद हसन ने सरकारी अफसर बनने का फैसला किया था।

जून, 2016 में हसन ने तैयारी शुरू की थी। यूपीएससी और जीपीएससी की परीक्षा में बैठे थे। यूपीएससी की लिखित परीक्षा 570वीं रैंक के साथ पास की थी। गुजरात पीएससी में भी सफल हो गए। आईपीएस की ट्रेनिंग के बाद जामनगर में पहली पोस्टिंग हुई।

यूपीएससी मैन्स के चौथे पेपर से ठीक पहले हसन का एक्सीडेंट हो गया था। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया था कि ‘सुबह 9 बजे से पेपर था और 8:30 बजे बाइक फिसलने से उनके घुटने, कोहनी और सिर में चोट लगी। दर्द के बीच वो परीक्षा केंद्र पहुंचे थे। यूपीएससी का पेपर लंबा होने के चलते, पेन किलर लेकर खुद ड्राइव कर एग्जाम सेंटर पहुंचा था। पेपर के बाद एमआईआर कराई, तो घुटने का लिंगामेंट टूटने का पता चला। पैर का ऑपरेशन करने की जरूरत थी, जो उन्होंने इंटरव्यू पूरा होने के बाद ही कराया।’