1 नवजात बच्चे की कीमत है 2-5 लाख रुपए। गरीब इस कीमत पर अपने जिगर के टुकड़ों को बेच रहे हैं और सौदागर उनकी इस लाचारी से मालामाल हो रहे हैं। नौनिहालों के खरीद-फरोख्त से जुड़ी यह खबर आपको जितना हैरान करेगी उतना ही परेशान भी। मुंबई पुलिस ने नवजातों का सौदा करने वाली एक गैंग का पर्दाफाश किया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस रैकेट से जुड़ी 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा टीम ने एक युवक को भी पकड़ा है। पुलिस ने इनके कब्जे से 2 बच्चों को भी आजाद कराया है। टीम ने जिन महिलाओं को गिरफ्तार किया है उनमें 35 साल की ललिता जोसेफ भी शामिल है। खुलासा हुआ है कि ललिता एक सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम करती है।

पुलिस को शक है कि ललिता अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजों के संपर्क में रहती थी जिनका इस्तेमाल वो इस रैकेट को चलाने में करती थी। अन्य आरोपी महिलाओं की पहचान 26 साल की भाग्यश्री कोली उर्फ सोनी, सुनंदा मसाने उर्फ सुनीता और सविता सालुंखी के तौर पर हुई है। भाग्यश्री और अमर देसाई को पुलिस ने इस गैंग से बच्चों के खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इनके पास से तीन साल का एक बच्चा और तीन साल की एक बच्ची भी बरामद की गई है।

दरअसल क्राइम ब्रांच की यूनिट-6 को बच्चों के सौदागरी से संबंधित गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद एक टीम को मानखुर्द इलाके में तैनात किया गया। टीम ने पाया कि यहां दो महिलाएं आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं को टारगेट कर रही हैं। यह दोनों बच्चों के माता-पिता को इस बात के लिए राजी कर रही थीं कि वो उनके बच्चे को कानूनी तरीके से गोद लेंगी और इसके बदले वो उन्हें पैसे भी देंगी। वो बच्चों की मां से वादा कर रही थीं कि वो समय-समय पर आकर अपने बच्चे को देख सकती हैं।

इसके बाद नवजात को खरीदते ही वो इस बच्चे को किसी कपल के हाथों बेच देती थीं। ‘मुंबई मिरर’ में छपी खबर के मुताबिक सोनी, सुनीता, सविता और ललिता ने बच्चों के सौदे में शामिल होने की बात कबूल कर ली है। उन लोगों ने बताया कि वो नवजातों को 2-5 लाख रुपए में बेचती थीं। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अकबर पठान के मुताबिक सभी आरोपियों पर जरुरी कानूनी धारा के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस को आशंका है कि इस गैंग ने अब तक एक दर्जन बच्चों को बेचा और अब पुलिस इन बच्चों का पता लगाने में जुटी है। (और…CRIME NEWS)