अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना निकल चुकी है और अब यह देश अब पूरी तरह से तालिबान के अधीन हो चुका है। अमेरिका के अफगानिस्तान से निकलते ही तालिबानी लड़ाकों ने अंधाधुंध फायरिंग करके जश्न मनाया। उधर पाकिस्तान भी अब रंग बदलने लगा है और तालिबान के कंधे पर बंदूक रखकर अमेरिका को आंख दिखाने की तैयारी कर रहा है।
अमेरिकी सेना अपने तय समय से पहले ही अफगानिस्तान से निकल गई है। अमेरिकी सैनिकों के जहाजों की आखिरी उड़ान के साथ ही तालिबानी लड़ाकों का काबुल एयरपोर्ट पर पूरी तरह से कब्जा हो गया। जैसे ही तालिबानी लड़ाके काबुल एयरपोर्ट के अंदर पहुंचे, अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के जाने की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक क्षण बताया है। तालिबान ने घोषणा की है कि अफगानिस्तान ने अब पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त कर ली है। तालिबानी लड़ाकों की फायरिंग से स्थानीय लोगों को लगा कि फिर से काबुल एयरपोर्ट पर हमला हो गया है। इसके बाद तालिबान के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि घबराएं नहीं, यह हमला नहीं है, लड़ाके जश्न मना रहे हैं।
रिपब्लिकन, राष्ट्रपति बिडेन को उनकी स्व-निर्धारित समय सीमा से पहले अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए निशाना साध रहे हैं। एक रिपब्लिक सीनेटर ने ट्वीट कर कहा- “अफगानिस्तान युद्ध खत्म नहीं हुआ है। जो बिडेन ने छोड़ने का फैसला किया और हमारे नागरिकों और सहयोगियों को पीछे छोड़ दिया”।
इधर अमेरिका काबुल से निकलने की तैयारी कर रहा था और उधर पाकिस्तान, तालिबान को अफगानिस्तान में काबिज होते ही अपना रंग बदलने लगा है। पाकिस्तान अब तालिबान के कंधों पर बंदूक रखकर अमेरिका पर निशाना साध रहा है। पाकिस्तान के एनएसए ने कहा है कि तालिबान को जल्द से जल्द मान्यता मिल जानी चाहिए, नहीं तो एक और 9/11 का खतरा हो सकता है।
संडे टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यूसुफ ने कहा- “दुनिया और खासतौर पर पश्चिमी देश अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार को तत्काल मान्यता नहीं देते हैं तो इससे एक और 9/11 का खतरा है”। उन्होंने आगे कहा- “मेरे शब्दों पर ध्यान दें … यदि नब्बे के दशक की गलतियां फिर से की जाती हैं और अफगानिस्तान को छोड़ दिया जाता है, तो परिणाम बिल्कुल समान होगा, अवांछनीय तत्वों से भरा एक सुरक्षा शून्य जो पश्चिम के लिए खतरा होगा”।
इस बयान के बाद हंगामा मच गया और पाकिस्तान की आलोचना होने लगी। आलोचना के बाद पाक एनएसए ने कहा कि ऐसा उन्होंने नहीं कहा है। उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। पाकिस्तान ने इस इंटरव्यू को हटाने के लिए कहा, जिसके बाद अखबार की ओर से बताया गया कि यही सच है और ये सब पूरा रिकॉर्ड में है, इसलिए खबर नहीं हटाई जाएगी।
बता दें कि पिछले 15 दिनों से अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा का है और अब वो सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है। तालिबान एक तरफ इस बार सभी देशों खासकर अमेरिका और उसके सहयोगियों से अच्छे संबंध चाह रहा है तो उसे सपोर्ट करने वाल पाकिस्तान अब अपने हित साधने की तैयारी करते दिख रहा है।