एके-47 से धड़ाधड़ गोलियां बरसानी हो या फिर किसी को किडनैप करना हो..यह महिला इन खतरनाक कामों में एक्सपर्ट है। आज हम बात कर रहे हैं फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली और कई भाषाओं की जानकार लेडी डॉन अनुराधा चौधरी की। अनुराधा पर हत्या, आर्म्स एक्ट, अपहरण और अवैध शराब से जुड़े कई मामले दर्ज हैं। सीकर, नागौर, बीकानेर और अजमेर में उस पर दर्जनों अपराधिक मुकदमे चल रहे हैं और कभी पुलिस ने शेखावटी की इस लेडी डॉन पर इनाम भी घोषित किया।

राजस्थान के सीकर में स्थित रानी सती रोड की रहने वाली अनुराधा चौधरी का बचपन का नाम मंटू है। कम उम्र में ही अनुराधा की मां का निधन हो गया। मंटू के पिता अक्सर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते थे। एक रईस खानदान से ताल्लुक रखने वाली अनुराधा ने अजमेर के सोफिया स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। एमबीए की डिग्री हासिल करने वाली अनुराधा अंग्रेजी बोलने में माहिर थी और अक्सर वेस्टर्न लुक में ही नजर आती थी।

अपराध की दुनिया में अनुराधा की एंट्री की कहानी भी काफी दिलचस्प है। अनुराधा की शादी सीकर के ही रहने वाले दीपक मिंज नाम के एक शख्स से हुई थी। दीपक शेयर बाजार में काम करते थे और उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर कई लोगों के पैसे ट्रेडिंग में लगवाए थे। लेकिन इस काम में उन्हें काफी घाटा हो गया और भारी नुकसान की वजह से अनुराधा और उसके पति पर कर्ज का बोझ हो गया। अनुराधा किसी तरह इस कर्ज के बोझ से निकलना चाहती थी। इसी बीच अनुराधा की मुलाकात हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा से हुई और बानूड़ा ने उसकी मुलाकात आनंदपाल सिंह से करवाई। बस यहीं से शुरू हुई अनुराधा के अपराध के दुनिया में आने की दास्तान।

इस मुलाकात के बाद आनंदपाल और अनुराधा की दोस्ती गहरी होने लगी। कहा जाता है कि जब आनंदपाल की मुलाकात अनुराधा से हुई थी उस वक्त वो एक अपराधी तो जरुर था लेकिन वो अक्सर शर्ट-पैंट और गमछा पहनता था तथा साधारण लुक में रहता था। लेकिन जल्द ही आनंदपाल डॉन बन गया और फिर उसने देसी कपड़े छोड़ सूट-बूट और हैट पहनना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं वो अपने बयान भी अंग्रेजी में देने लगा। कहा जाता है कि आनंदपाल को अंग्रेजी बोलना अनुराधा ने ही सिखाया था। दरअसल डॉन को अंग्रेजी सीखाने के बदले उसने उससे एके-47 चलाना सीखा था।

चूकि अनुराधा काफी पढ़ी-लिखी थी इसलिए वो आनंदपाल के गैंग के कानून से जुड़े मुद्दे देखती थी और अपहरण तथा रंगदारी के लिए प्लानिंग बनाया करती थी। यह भी कहा जाता है कि धीरे-धीरे राजस्थान की धरती पर पनप रहे जुर्म की दुनिया में अनुराधा चौधरी का नाम काफी मशहूर हो गया। हालांकि जरायम की दुनिया में कदम रखने के बाद अनुराधा के पति ने उसे छोड़ दिया। इधर आनंदपाल के जेल जाने के बाद ‘गैंग्स ऑफ शेखावटी’ की सारी जिम्मेदारी अनुराधा पर आ गई थी।

अनुराधा ने गैंग को बेहतर तरीके से चलाया। 27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद्र के अपहरण मामले में पुलिस को अनुराधा की सरगर्मी से तलाश थी। पुलिस ने अनुराधा के सिर पर 5,000 रुपया का इनाम भी घोषित कर दिया था। लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई थी। हालांकि कहा जाता है कि आनंदपाल के जेल में जाने के बाद वो उससे मिलने धड़ल्ले से जेल जाया करती थी।

साल 2016 में अनुराधा को पुलिस ने घेर लिया और रंगेहाथ पकड़ लिया। दरअसल सीकर के एक व्यापारी ने अनुराधा को फिरौती देने से इनकार कर दिया था। नाराज अनुराधा इस व्यापारी को किडनैप कर उसे अपने ठिकाने पर ले जा रही थी। लेकिन रास्ते में पुलिस को इस बात की भनक लग गई औऱ पुलिस ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। तब से वह जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। अब आनंदपाल की मौत हो चुकी है और ऐसा कहा जाता है कि आनंदपाल की मौत के बाद अब अनुराधा ही ‘गैंग्स ऑफ शेखावटी’ की सर्वेसर्वा बन गई है। (और…CRIME NEWS)