Written by Rijit Banerjee
गुजरात के अहमदाबाद में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस के अमेरिका स्थित संस्थापक और वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अहमदाबाद में रहने वाले कई लोगों ने आगामी क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए धमकियां देने वाले एक विदेशी नंबर से रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज के साथ कॉल आने की शिकायत की थी। ये धमकियां कथित तौर पर कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की प्रतिक्रिया में आई थीं।
आतंक और अफवाहें फैलाने के लिए कंट्री कोड +44 से वॉयस क्लिप के साथ कॉल
खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को 1 जुलाई, 2020 को भारत सरकार द्वारा ‘आतंकवादी’ घोषित किया गया था। एफआईआर के अनुसार, कंट्री कोड +44 (यूनाइटेड किंगडम) के साथ 5 अक्टूबर से अहमदाबाद में होने वाले विश्व कप मैचों के खिलाफ धमकियों वाली एक वॉयस क्लिप के साथ आई कॉल “आतंक और अफवाहें फैलाने” के लिए की गई थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये कॉल “पन्नू की आवाज़” में रिकॉर्ड की गई हैं।
ऑडियो मैसेज में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का बदला लेने के लिए ऑडियो मैसेज
अधिकारी ने कहा कि ऑडियो मैसेज में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का बदला लेने के लिए “खालिस्तान के झंडे के साथ अहमदाबाद पर धावा बोलने” की धमकी दी गई। इसके चलते भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। गुरपतवंत सिंह पन्नू पर भारतीय दंड संहिता (IPC), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत साजिश और नफरत फैलाने के आरोपों से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एफआईआर के अनुसार, “गुरुवार को पुलिस ने देखा कि एक +44 (यूनाइटेड किंगडम) फोन नंबर से अलग-अलग व्यक्तियों को कॉल किया जा रहा है, जिसमें पहले से रिकॉर्ड की गई वॉयस क्लिप चल रही है। कॉल आने के बाद शहर के नागरिकों ने पुलिस को आपराधिक धमकियों की सूचना दी।”
सब-इंस्पेक्टर एचएन प्रजापति की शिकायत के आधार पर इन आरोपों के तहत FIR दर्ज
सब-इंस्पेक्टर एचएन प्रजापति की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 121 (ए) (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश), 153 (ए) (घृणास्पद भाषण और किसी भी प्रकार की कार्रवाई या संचार को दंडित करना जो लोगों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष की भावना और वैमनस्य पैदा करता है ), 153 बी(1) (सी) (आरोप, राष्ट्रीय-एकीकरण के लिए प्रतिकूल दावे), 501 (1) (बी) (मानहानिकारक मानी जाने वाली सामग्री को छापना या उकेरना) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश); आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) (साइबर आतंकवाद) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 161 (बी) (आतंकवादी अधिनियम) के तहत पन्नू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।