चेन्नई के नोलंबूर में एक नौ साल की बच्ची करीब पांच घंटे तक अपने अपार्टमेंट के मोटर रूम में छिपी रही। वह डरी सहमी हुई मोटर रूम में घंटों बैठी थी जिसे पुलिस ने बचा लिया। वह अपने पिता और सौतेली मां के हाथों प्रताड़ित होती थी। इसी डर से वह छिप गई थी। जांच में यह बात सामने आई कि उसकी सौतेली मां उसे टॉर्चर करती थी। वह उसे बहुत मारती थी। वह उस पर हाथ उठाती थी।
बच्ची का पिता भी उसका बचाव नहीं करता था बल्कि वह भी उसे मारता था। बच्ची बहुत डरी हुई थी। उसने बहुत सहा मगर जब वह प्रताड़ना झेल नहीं पाई तो डर के मारे मोटर रूम में जाकर छिप गई ताकि उसे कोई खोज ना पाए। ना वह सोतेली मां औऱ पिता को दिखेगी ना कोई उसे मारेगा। पुलिस के अनुसार, बच्ची को तब से प्रताड़ित किया जा रहा है जब वह पांच साल की थी। इसके बाद इतने सालों टॉर्चर होने के बाद उसकी मानसिक हालत भी खराब हो गई थी। वह दूसरे नॉर्मल बच्चों जैसी नहीं रह गई थी।
कुछ सालों पहले बच्ची की मां का पिता से तलाक हो गया। जिसके बाद उसके पिता ने 32 साल की एक तलाकशुदा महिला से शादी कर ली थी। उस महिला की पहले से आठ साल की बेटी थी। बच्ची को लगा था कि उसे फिर से मां मिल जाएगी मगर उसके अरमानों पर तब पानी फिर गया जब उसकी सौतेली मां ने उसे टॉर्चर करना शुरु किया।
हैरानी की बात है कि महिला ने एमबीए किया है और इडली बेचने का बिजनेस करती है। बच्ची को लगा चलो सौतेली मां नहीं पिता तो उसे समझेंगे, उसका ख्याल रखेंगे मगर बच्ची के पिता ने भी उसे निराश किया। वह भी उसे मारता-पिटता था। बच्ची रोज-रोज टॉर्चर होकर तंग आ गई और मोटर के कमरे में जाकर छिप गई मगर पुलिस ने उसे वहां से सुरक्षित निकाल लिया।
फिलहाल पुलिस ने उसकी सौतेली मां और पिता रमेश के खिलाफ मामला दर्ज किया है। असल में जब कॉम्प्लेक्स का सुरक्षा गार्ड मोटर चालू करने गया तब उसने देखा कि कक्षा पांच में पढ़ने वाली बच्ची छिपी है। इसके बाद उसने नोलंबूर पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस टीम पहुंची तो उन्होंने देखा कि बच्ची के दाहिने हाथ में फ्रैक्चर हुआ था और उसके पूरे शरीर में चोट लगी थी। इसके बाद बच्ची को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने चाइल्ड केयर वर्कर्स को अपनी आपबीती सुनाई।
लड़की ने बताया कि उसे तबसे बेरहमी से पीटा जा रहा है जब वह पांच साल की थी। फिलहाल रमेश और कीर्तन पर आईपीसी की धारा के तरह मामला दर्ज कर आगे कि कार्रवाई की जा रही है।