Faridabad Newborn Kidnapping: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र फरीदाबाद के एक अस्पताल में जन्म के कुछ घंटों बाद ही एक नवजात शिशु की चोरी की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल से एक बच्चे के चोरी हो जाने के एक दिन बाद पुलिस ने बुधवार को अस्पताल के प्रसूति वार्ड की एक स्टाफ नर्स सहित तीन लोगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने नवजात बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।
बच्चे की चोरी और बेचने की साजिश के आरोप में दो महिला और एक पुरुष गिरफ्तार
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान दिल्ली के रोहिणी निवासी दीपक और अनीता और किशन विहार में रहने वाली स्टाफ नर्स पूजा के रूप में की है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने नवजात को डेढ़ लाख रुपये में बेचने की योजना बनाई थी। इससे पहले कि वे बिक्री कर पाते, बच्चे का पता लगा लिया गया और सभी संदिग्धों को बदरपुर बॉर्डर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। बच्चे के पिता सुनील कुमार ने कहा कि सोमवार सुबह करीब 3:30 बजे उनकी पत्नी ने फरीदाबाद के बीके अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया और प्रसव के बाद उसे वार्ड नंबर 103 में स्थानांतरित कर दिया गया।
पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में बच्चे के पिता ने लिखा पूरा सनसनीखेज वाकया
पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में उन्होंने लिखा, “मंगलवार की सुबह जब मैं अपनी पत्नी से मिलने गया तो मैंने देखा कि एक महिला पीला सूट पहने हुए है और मेरे बेटे को अपनी गोद में खिला रही है। मैंने उससे उस महिला के बारे में पूछा और उसने कहा कि वह वार्ड में अस्पताल की स्टाफ नर्स थी। मैं चाय पीने के लिए नीचे गया और मेरी सास रोते हुए आईं और मुझे बताया कि जो महिला मेरे बच्चे को दूध पिला रही थी वह अब वार्ड में नहीं है और न ही मेरा बच्चा वार्ड में है।”
बच्चा चोर महिला ने भागते समय तीन बार चेंज किया ऑटो, एक आरोपी कर रहा था गाइड
फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि बच्चे की चोरी या उसका अपहरण करने के तुरंत बाद आरोपी महिला अनीता एक ऑटो में बीके अस्पताल से निकलकर अजरौंदा मोड़ पहुंची, जहां से उसने बदरपुर बॉर्डर पहुंचने के लिए दूसरा ऑटो लिया। पुलिस अधिकारी ने कहा, “फिर, उसने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जाने के लिए तीसरा ऑटो लिया। एम्स से वह दूसरे ऑटो में बैठी और सुल्तानपुरी पहुंच गई।”
तीनों आरोपियों का अस्पतालों के वार्ड से बच्चों के अपहरण करने का इतिहास है- पुलिस
सूबे सिंह ने कहा कि आरोपी अनीता बच्चे को बेचने के इरादे से आनंद विहार मेट्रो स्टेशन के पास एक महिला के पास ले गई थी। पुलिस जांच में पता चला कि फरीदाबाद के नेहरवाली का रहने वाला एक अन्य आरोपी महिलाओं को गाइड कर रहा था। पुलिस ने बताया कि पति को छोड़कर अनीता दिल्ली में अपने दोस्त दीपक के साथ रह रही थी, जबकि पूजा उसी वार्ड में स्टाफ नर्स के तौर पर काम कर रही थी, जहां से बच्चे का अपहरण हुआ था। सूबे सिंह ने कहा कि तीनों आरोपियों का अस्पतालों के वार्ड से बच्चों के अपहरण का प्रयास करने का इतिहास रहा है।
सास और पत्नी को बाथरूम भेजकर बच्चे को लेकर भागी महिला, खौफ से भरा पूरा परिवार
पुलिस ने बताया कि आरोपी अनीता ने सुनील कुमार की सास से कहा कि उसे अपनी बेटी के कपड़े बदलने हैं और इस बीच वह बच्चे की देखभाल करेगी। सुनील कुमार ने पुलिस को बताया कि जब दोनों महिलाएं शौचालय गईं, तो अनीता ने बच्चे को तौलिये में लपेट दिया और मौके से भाग गई। इसके थोड़ी देर बाद तक मां-बेटी को कुछ समझ में नहीं आया। फिर सुनील कुमार की सास रोते हुए नीचे उतरी और उसे मामले की जानकारी दी।
अस्पताल के आसपास 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की जांच, बच्चे को लेकर भागती दिखी महिला
बच्चे की चोरी की सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और उसने आसपास के 100 से ज्यादा कैमरों की सीसीटीवी फुटेज खंगाला। सीसीटीवी फुटेज में एक महिला को बच्चे के साथ अस्पताल परिसर के पीछे के रास्ते से बाहर निकलते और फिर एक ऑटोरिक्शा पर चढ़ते हुए देखा गया। इसके बाद पुलिस बच्चे को छुड़ाने का पूरा अभियान चलाया। इस मामले में फरीदाबाद के एसजीएम नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 365 के तहत अपहरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई थी।