डैकती, गोलीबारी और मर्डर इन सभी संगीन अपराधों को अंजाम देने में यह महिला कभी हिचकिचाती नहीं थी। जेल से छुटे एक क्रिमिनल के साथ क्राइम करते-करते वो भी एक दिन क्रिमिनल बन गई। अमेरिका की इस सबसे मशहूर लेडी गैंगस्टर बोनी पार्कर की जिंदगी पर फिल्में भी बनीं। पार्कर का जन्म टेक्सास के रोवेना में साल 1910 में हुआ था। यहां यह लेडी काफी स्मार्ट और बेबाक बोलचाल के लिए मशहूर थी। साल 1930 में उसकी मुलाकात क्लायड बैरो नाम के एक शख्स से हुई। क्लायड करीब 20 महीने तक जेल में रहकर आया था और बाहर आने के बाद उसने साल 1932 तक बोनी पार्कर के साथ मिलकर एक गैंग बना लिया। इस गैंग में बैरो का भाई उसकी पत्नी और अन्य रिश्तेदार शामिल थे।
इस गैंग का मुख्य काम बैंक डकैती और लूटपाट मचाना था। बोनी पार्कर ने अपने बॉयफ्रेंड क्लायड बैरों के साथ मिलकर कई गैस स्टेशन, होटलों और छोटे शहरों में स्थित बैकों को लूटा। साल 1932 में एफबीआई मिशिगन में हुई एक कार चोरी के मामले को सुलझाने में लगी थी। तब ही उसे ओक्लाहोमा से भी एक और कार के चोरी होने की खबर मिली। एफबीआई की जांच में पता चला कि दोनों कारों की चोरी के लिंक क्लायड और बोनी पार्कर से जुड़े हैं। इस जांच के दौरान एफबीआई ने 20 मई, 1933 को क्लायड बैरो और बोनी पार्कर के खिलाफ वारंट जारी किया। इसी साल बैरो और पार्कर गोलीबारी के कई मामलों में भी वांछित हुए।
नवंबर 1933 में पुलिस ने टेक्सास के दलास में उन्हें पकड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन दोनों बच गए। जनवरी 1934 में वलाडो में इनलोगों ने पांच कैदियों को भगाने में मदद की और इस दौरान दो सुरक्षाकर्मियों को गोली मार दी। 1 अप्रैल 1934 को बैरो और पार्कर ने मिलकर ग्रेपवाइन में दो पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी। इसके महज पांच दिन बाद ही उन्होंने मियामी में एक पुलिस कांस्टेबल की हत्या कर दी।
डकैती और हत्याओं के बाद बैरो और पार्कर अमेरिका में खौफ का पर्याय बन गए थे। कहा जाता है कि इस कपल ने मिलकर 13 हत्याओं को अंजाम दिया और दर्जन भर से ज्यादा डैकतियां भी की। इनके आतंक से आजिज आकर पुलिस ने उस वक्त ऑर्डर जारी किया कि ‘इन्हें देखते ही गोली मार दी जाए।’ हालांकि इन्हें पकड़ना पुलिस के लिए इसलिए आसान नहीं था क्योंकि यह दोनों क्राइम को अंजाम देने के बाद अक्सर अपना लोकेशन बदलते रहते थे। इन दोनों को इनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए पुलिस ने एक स्पेशल टीम बनाई थी।
23 मई 1934 को बैरो और पार्कर अपनी कार से कहीं जाने की तैयारी में थे। कहा जाता है कि इस दिन कार में बैठने से पहले इन दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और किस भी किया था। लुईसियाना के पास गिब्लैंड और सैलेस हाईवे पर पुलिस ने इनकी गाड़ी को घेर लिया। कहा जाता है कि पुलिस ने इनकी गाड़ी पर उस वक्त 107 राउंड फायरिगं की थी जिसमें इन दोनों को 57 गोलियों लगी थीं। बोनी पार्कर को 23 साल की उम्र में जबकि उसके बॉयफ्रेंड को पुलिस ने 25 साल की उम्र में गोलियों से भून दिया था।
इनकी मौत के कई बरसों बाद साल 1992 में ट्रेसी निधम ने ‘Bonnie & Clyde: A True Story’ नाम से एक टीवी मूवी बनाई। इसके बाद साल 2013 में ‘Bonnie & Clyde’ नाम से एक मिनी सीरिज भी बनाई गई। हालांकि फे डूनावे द्वारा बनाई गई बाोयपिक ‘Bonnie & Clyde’ को आज याद किया जाता है दो बार मिले ऑस्कर अवार्ड की वजह के लिए। (और…CRIME NEWS)
