दिव्या पाहुजा मर्डर केस में अब एसआईटी का गठन कर दिया गया है। तीन दिनों की पड़ताल के बाद भी दिव्या की डेड बॉडी अभी तक नहीं मिल पाई है। अब एसआईटी इस मामले की जांच करने जा रही है। जांच टीम में डीसीपी क्राइम, सेक्टर-17 क्राइम ब्रांच के इंचार्ज इंस्पेक्टर अनिल और थाना प्रभारी सेक्टर-14 रखे गए हैं। अब इस नई टीम के सामने कई चुनौतिया हैं, कहने को सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं, लेकिन डेड बॉडी का ना मिलना मुश्किलों को बढ़ा रहा है।

अभी तक पुलिस को सुराग के नाम पर तीन आरोपी और एक BMW गाड़ी मिली है। होटल की सीसीटीवी फुटेज भी जांच में मदद कर रही है। लेकिन इसके अलावा जिस शव सबसे ज्यादा जानकारी सामने आ सकती है, उसका कोई पता नहीं है। पुलिस की लाख पूछताछ के बाद भी इस राज से अभी तक पर्दा नहीं उठ पाया है। वो दो आरोपी भी फरार ही चल रहे हैं जिन्होंने गाड़ी में शव को लेकर कई किलोमीटर सफर किया था।

जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में पुलिस ने तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी अभिजीत ने तो पुलिस पूछताछ में कई बातें कुबूल की है, कई बड़े खुलासे भी किए हैं। अभिजीत के मुताबिक दिव्या लंबे समय से उसे ब्लैकमेल कर रही थी। उसके पास अभिजीत की कुछ अश्लील तस्वीरें थीं जिसके सहारे पैसे मांगे जा रहे थे। अगर अभिजीत पर ही भरोसा किया जाए तो कुछ दिन पहले तक दिव्या ने पैसों की डिमांड और ज्यादा बढ़ा दी थी। इसी वजह से अभिजीत ने मामले को सेटल करने के लिए दिव्या को दो जनवरी को सिटी प्वाइंट होटल बुलाया था।

यहां ये समझना जरूरी है कि इस पूरे मामले की सीसीटीवी फुटेज है जिससे सटीक टाइम पता चलता है। बताया जा रहा है कि दो जनवरी को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर तीन लोग होटल में एंट्री करते हैं। इसमें दिव्या, अभिजीत और एक तीसरा शख्स रहता है। बाद में दिव्या और अभिजीत के बीच कहासुनी होती है, वो मांग करता है कि उसकी सारी तस्वीरें डिलीट की जाएं। दिव्या अपने फोन का पार्सवर्ड ही बताने को तैयार नहीं होती जिस वजह से अभिजीत नाराज हो जाता है और उसे गोली मार देता है।