‘पुलिस वाले बेटियों का फोन टैप कर रहे हैं’, छत्तीसगढ़ के एक DG रैंक के अफसर ने SC से गुहार लगाते हुए यह भी कहा है कि उनके परिवार वालों का पीछा किया जा रहा है। सबसे पहले आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाने वाले DG रैंक के इस अफसर का नाम मुकेश गुप्ता है।
कौन हैं मुकेश गुप्ता..? मुकेश गुप्ता राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के वक्त एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau, ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग (Economic Offences Wing, EOW) के डायरेक्टर जनरल रह चुके हैं। उन्हें इसी साल सितंबर के महीने में पद से हटाया गया है। पिछले महीने मुकेश गुप्ता को डिमोट कर ADG रैंक दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के दौरान मुकेश गुप्ता इंटेलिजेंस विंग के बड़े अफसर भी रह चुके हैं। दिसंबर 2018 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी हार गई थी और यहां कांग्रेस की सरकार बनी थी।
क्या है अफसर का आरोप? ‘सुप्रीम’ अदालत में डीजी रैंक के अफसर की तरफ से जो याचिका लगाई गई है उसपर अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस भी थमाया है। इस मामले पर छत्तीसगढ़ के डीजीपी, डी एम अवस्थी ने कहा है कि अभी यह मामला न्यायलय में है और इसपर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।
अपनी याचिका में मुकेश गुप्ता ने कहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी अपनी गाड़ियां उनके नई दिल्ली के पंचशील पार्क स्थित फ्लैट के बाहर पार्क करते हैं। वो उनके सुरक्षा गार्ड और ड्राइवर को धमकाते हैं। उनकी दो बेटियों का फोन टैप किया जा रहा है और परिवार वालों का पीछा किया जा रहा है। अदालत को बताया गया है कि 10 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ पुलिस के अफसरों ने उनके ड्राइवर हीरा को उसके आवास पर धमकाया और उसे अगवा कर लिया। बाद में जब दिल्ली पुलिस की गाड़ी वहां पहुंची तब उनके गार्ड को छुड़ाया गया।
बेदाग नहीं हैं मुकेश गुप्ता : वैसे पुलिस महकमे के बड़े अफसर मुकेश गुप्ता भी बेदाग छवि के नहीं हैं। उनपर आर्थिक गड़बड़ी करने और अवैध रूप से फोन टैपिंग कराने का आरोप पहले भी लग चुका है। मुख्यमंत्री बनने से पहले कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने गुप्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसी साल फरवरी के महीने में मुकेश गुप्ता के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज किये गये हैं।
उनपर आरोप है कि उन्होंने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर टैप टैपिंग कराया और आधिकारिक कागजातों से छेड़छाड़ भी की। एफआईआर के मुताबिक यह सब उन्होंने ACB और EOW प्रमुख रहते हुए किया और उस वक्त वो छत्तीसगढ़ के PDS स्कैम की जांच कर रहे थे।
मुकेश गुप्ता पर जो तीसरा एफआईआर दर्ज है उसमें यह आरोप है कि दुर्ग जिले का एसपी रहते हुए उन्होंने कागजातों में हेराफेरी कर भिलाई में जमीन खरीदने की कोशिश की। यह सभी मामले अभी अदालत में हैं और इन सभी पर अदालत ने स्टे लगाया है जिसकी वजह से मुकेश गुप्ता को राहत मिली है। (और…CRIME NEWS)

