तमिलनाडु के चेन्नई से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 72 वर्षीय महिला को एक घर से छुड़ा लिया गया, जिन्हें उनके बेटों ने करीब 10 साल से कैद रखा था। महिला के दोनों बेटे आर्थिक तौर पर मजबूत थे, इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी मां को बुरे हालातों में छोड़ रखा था। 15 अप्रैल, शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग द्वारा महिला को बचाए जाने के बाद अब पुलिस ने दोनों बेटों पर मामला दर्ज किया है।
तमिल विश्वविद्यालय पुलिस ने अब इस मामले में ज्ञानजोठी नाम की महिला के बेटों क्रमशः पुलिस इंस्पेक्टर शनमुगसुंदरम (50) और पट्टुकोट्टई में दूरदर्शन के कर्मचारी वेंकटेशन (45) पर प्राथमिकी दर्ज की है। इन दोनों पर माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम की धारा 24 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जबकि शनमुगसुंदरम ने मीडिया से बातचीत में छोटे भाई वेंकटेशन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हर महीने मां की 30 हजार रुपये की पेंशन का उपयोग कर रहा था और वही उनकी मां की देखभाल के लिए जिम्मेदार था।
समाज कल्याण विभाग के अनुसार, एक अज्ञात व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में महिला को नाजुक स्थिति में एक घर के अंदर नग्न अवस्था में लेटे हुए देखकर उन्हें फोन किया था। जिसके बाद 72 वर्षीय ज्ञानजोथी को समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बचाया था। जिला कलेक्टर दिनेश पोनराज ओलिवर ने कहा कि महिला को तंजावुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि डॉक्टरों से उन्हें जल्द ठीक करने का आग्रह किया गया है।
शुक्रवार को पड़ोसियों ने अधिकारियों को सूचित किया था कि महिला के बेटों ने उनके लिए खाने की व्यवस्था की थी, क्योंकि वह कहीं और रहते थे। पुलिस ने कहा कि जब भी महिला को भूख लगती थी तो वह अलार्म बजाती थी, जिसके बाद उनके पड़ोसी बंद घर में बिस्कुट या फल फेंक देते थे। हालांकि, पड़ोसियों को महिला की स्थिति के बारे में पता था लेकिन उन्होंने डर के कारण जाहिर तौर पर किसी के साथ यह बात साझा नहीं की थी।
बीते शुक्रवार को सूचना मिलने के बाद समाज कल्याण विभाग के कर्मियों ने पुलिस की मदद से घर का ताला तोड़कर बुजुर्ग महिला को बचाने में कामयाब रहे थे। क्योंकि उनके बेटों ने घर की चाभी देने से इंकार कर दिया था। वृद्ध महिला को बचाने के बाद यह बात सामने आई थी कि वह घर में करीब 10 साल से कैद थी। हालांकि, अब महिला का तंजावुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है।