Student Suicide Case: केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी (IIT), आईआईएम (IIM), एनआईटी (NIT) और आईआईएसईआर (IISER) सहित उच्च शिक्षा संस्थानों में पिछले पांच वर्षों में 98 छात्रों ने आत्महत्या की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इन आंकड़ों के हवाले से केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री सुभाष सरकार ने संसद में बताया कि वर्ष 2023 में अब तक सात महीने में उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के 20 मामले सामने आ चुके हैं।

केरल से राज्यसभा सांसद डॉ. वी. सिवादासन ने पूछा था संवेदनशील सवाल

केरल से राज्यसभा सांसद डॉ. वी. सिवादासन ने सदन में केंद्र सरकार से सवाल पूछा था कि केंद्रीय शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले कितने छात्रों ने पिछले पांच साल में आत्महत्या की हैं। उन्होंने मरने वाले छात्रों की संख्या, वे किस सामाजिक श्रेणी और आर्थिक श्रेणी से आते हैं वगैरह का डेटा भी मांगा था।

सरकार ने 2018 से 2023 का पूरा डेटा बताया, कहां कितने छात्रों ने की सुसाइड

सरकार ने संसद में जवाब देते हुए बताया कि साल 2018 में 21 छात्रों ने आत्महत्या की थी। यह आंकड़ा 2019 में घटकर 19 हो गया था। वहीं 2020 और 2021 में 7-7 छात्रों ने खुदखुशी की थी। हालांकि, 2022 में यह आंकड़ा बढ़ कर 24 हो गया था। वहीं 2023 में सिर्फ 7 महीनें के अंदर 20 छात्रों ने आत्महत्या कर ली हैं। सरकार की ओर से बताया गया कि 2018 और 2019 में आईआईटी में पढ़ने वाले 8 बच्चों ने खुदखुशी की थी। साल 2020 और 2021 में खुदखुशी की घटना घटकर 3 और 4 हो गया था। 2022 में यह संख्या बढ़कर 9 हो गई और इस साल अब तक खुदखुशी के 7 मामले सामने आए हैं।

आत्महत्या के ज्यादातर मामले इंजीनियरिंग संस्थानों में सामने आए – शिक्षा राज्य मंत्री

केंद्रीय यूनिवर्सिटी में भी 2018 में आत्महत्या के 8 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं 2019 और 2020 में 2 मामले दर्ज किए गए। जबकि 2021 में कोई पंजीकृत मामला नहीं था। 2022 में 4 मामले दर्ज किए गए और इस साल अब तक खुदखुशी के 9 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने बताया कि पिछले चार वर्षों में सामने आए आत्महत्या के ज्यादातर मामले इंजीनियरिंग संस्थानों में सामने आए थे।

ADSI की 2021 की रिपोर्ट में सामने आई थी छात्रों की सुसाइड की कई वजहें

सुभाष सरकार ने कहा कि एक्सीडेंटल डेथ और सुसाइड इन इंडिया (ADSI) ने अपने 2021 की रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या करने के विभिन्न कारण बताए हैं जैसे करियर की समस्याएं, दुर्व्यवहार, हिंसा, पारिवारिक समस्याएं, अकेला होने की भावना, मानसिक विकार इत्यादि शामिल हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के कारण नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत छात्रों को स्ट्रेस और इमोशन के समायोजन से निपटने के लिए कॉउन्सिलिंग की व्यवस्था की गई है।

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