यूपी में बुंदेलखंड का इलाका डकैतों के लिए कुख्यात रहा है। छविराम, निर्भय गुर्जर, फूलन देवी और ददुआ-ठोकिया जैसे नाम डकैतों में मुख्य रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच चित्रकूट जिले के गांव कोलान टिकरिया में पैदा हुए बबुली रामचरण कोल ने आम जनता के साथ सरकार की नाक में दम कर रखा था। आठवीं तक पढ़ाई के बाद बबुली कोल ने मजदूरी की फिर कुछ समय बाद ददुआ के गिरोह में शामिल हो गया था।
साल 1979 में चित्रकूट जिले के गांव कोलान टिकरिया में रामचरण कोल के यहां बेटे का जन्म हुआ। रामचरण छोटे किसान थे और मजदूरी करते थे। बेटा बड़ा हुआ तो वह बबुली कोल के नाम से जाना गया। घर की माली हालत ठीक नहीं थी इसलिए पढ़ाई आठवीं के बाद छूट गई। फिर बबुली कोल ने भी दिहाड़ी मजदूरी के रूप में कई सालों तक काम किया। उस समय चित्रकूट में ददुआ गिरोह का आतंक था, जिसमें ठोकिया भी शामिल हुआ करता था।
बबुली कोल के बारे में कहा जाता है कि उसे पहली बार ठोकिया की मदद करने के चलते पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था और फिर जेल में वह ठोकिया के साथी ललुआ पटेल के संपर्क में आया। बबुली कोल का जेल में जाना उसकी जिंदगी में अहम समय था। जेल से बाहर आया तो उसने ललुआ पटेल को भी जेल से छुड़ा लिया और फिर 2006 में बुंदेलखंड के इलाके के सबसे कुख्यात डकैत ददुआ की शरण ली।
हालांकि, जब 2007 में पाठा के जंगलों से ददुआ का अंत हुआ तो बबुली कोल बलखड़िया के गिरोह में शामिल हो गया। उसने करीब आठ साल तक बलखड़िया के लिए काम किया और 2015 में पुलिस मुठभेड़ में बलखड़िया की मौत के बाद उसने खुद को गिरोह का सरगना घोषित कर दिया। एक समय उसने चित्रकूट, बांदा के अलावा एमपी के सतना, भिंड, मुरेना में भी अपने मुखबिर फैला दिए।
यूपी और एमपी में बबुली पर 80 से ज्यादा मामले दर्ज थे। उसके खौफ को देशभर में लोगों ने तब जाना, जब उसने साल 2007 में कामायनी एक्सप्रेस में डकैती को अंजाम दिया। फिर साल 2012 में भी उसने कई हत्याओं को अंजाम दिया। साल 2018 की फरवरी में चित्रकूट में डकैत बबली कोल से जंगलों में पुलिस की मुठभेड़ हो गई लेकिन वह चकमा देकर फरार हो गया था।
फिर बबुली कोल ने साल 2019 में एक किसान अवधेश द्विवेदी का अपहरण का किया और 50 लाख की फिरौती मांगी। लेकिन अंत में पुलिस ने दावा किया कि द्विवेदी को बिना फिरौती दिए रिहा कर दिया गया। इसी अपहरण के तीन दिन बाद ही एमपी और यूपी के बॉर्डर इलाके में पुलिस मुठभेड़ में डाकू बबुली कोल को मार गिराया गया था। बबुली कोल के सिर पर यूपी व एमपी में मिलाकर 7 लाख रुपये का इनाम था।
