Mob lynching, Alwar: राजस्थान के अलवर में पिछले महीने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए दलित युवक के पिता ने गुरुवार शाम को आत्महत्या कर ली। अपने बेटे के लिए न्याय नहीं मिलने के चलते हरीश के पिता रत्तीराम ने ये कदम उठाया। न्यूज़ 18 की रिपोर्ट में कहा गया है कि रत्तीराम जाटव, जो अंधे थे, ने जहर खा कर अपनी जान दे दी। रिपोर्ट में उनके रिश्तेदारों के हवाले से लिखा गया है कि वह इस बात से आहात थे कि पुलिस ने उनके बेटे हरीश जाटव की हत्या की जांच को दबाने की कोशिश की। उन्होंने आगे कहा कि अपने अंतिम क्षणों में भी, रत्तीराम ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया था।
परिजनों के मुताबिक रत्तीराम पुलिस के काम करने के तरीके से परेशान थे। इस कारण उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या की। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक परिजनों का कहना है कि पुलिस मॉब लिंचिंग को एक्सिडेंट साबित करने पर तुली हुई थी। हरीश की मौत जुलाई में हुई थी। हरीश जाटव ट्रक ड्राईवर था। शहर के चौपानकी थाना के पास उसकी बाइक से एक महिला को टक्कर लग गई थी। जिसके बाद मौके पर मौजूद भीड़ ने हरीश को मारना शुरू कर दिया। पिटाई से वह बेहोश हो गया जिसके बाद ग्रामीणों ने चौपानकी पुलिस को सूचना दी।
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पुलिस ने हरीश को टपूकड़ा अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे गुरुग्राम रेफर कर दिया गया। गुरुग्राम जाने के बाद भी हरीश की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और वहां उसकी मौत हो गई। हरीश की बेटियां थीं। ये अलवर में लिंचिंग का पहला कसे नहीं था। इस से पहले भीड़ ने पहलू ख़ान नाम के एक व्यक्ति की गो-तस्करी के शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पिछले कुछ सालों में देश भर में मॉब लिंचिंग की ढेरों घटनायें सामने आईं हैं। हरियाणा, बल्कि कर्नाटक, असम, झारखंड, मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार जैसे राज्यों से मॉब लिंचिंग की खबरें आई हैं।

