हत्या करने पर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना, वेश्यावृति कराने पर भी पंचायत के आदेश पर करीब इतने ही पैसों का जुर्माना। यह जुर्माना किसी कोर्ट या अदालत के कहने पर नहीं लगा है बल्कि हम बात कर रहे हैं देश के एक ऐसे गांव की जहां कानून का नहीं बल्कि पंचायत का राज चलता है। जी हां, बिहार के समस्तीपुर जिले से सटे शंभूपट्टी गाछी गांव में लोग कोर्ट-कचहरी नहीं जाते बल्कि यहां संगीन से संगीन अपराधों की सजा महापंचायत के आदेश पर तय की जाती है। यहां रहने वाले करोड़ी समाज के लोगों के द्वारा महीने या हफ्ते में महापंचायत लगाकर सजा सुनाई जाती है।
बीते रविवार (21 जुलाई, 2019) को भी गांव में महापंचायत लगाई गई। इस दिन मधुबनी के रहने वाले रिंकू कुमार और वसंत करोड़ी पर हत्या के मामले को पंचायत के सामने रखा गया। हैरानी की बात है कि पंचायत ने रिंकू और वसंत करोड़ी पर हत्या जैसी गंभीर अपराध के लिए डेढ़ लाख का जुर्माना लगाया और उनके मुंह पर कालिख पोत धूप में खंभे से बांधने का तुगलकी फरमान सुना दिया।
इसी तरह इस पंचायत में एक और मामला सामने आया जिसमें मां और बेटे पर वेश्यावृति करवाने का आरोप लगा था। पंचायत ने इन्हें भी ऐसी ही सजा दी। इतना ही नहीं एक शख्स ने अपनी सास से शादी रचाई थी। इस मामले की भी सुनवाई करते हुए पंचायत ने दोनों को सामाजिक मर्यादा के उल्लंघन का दोषी पाया और युवक को धूप में खंभे से बांध देने का फरमान जारी कर दिया। इसके अलावा पंचायत के फरमान पर महिला के बाल काट दिए गए और दोनों पर 4 लाख रुपया का जुर्माना लगाया गया।
बहरहाल पंचायत के इस प्रपंच को देख सभी लोग हैरान हैं। वहीं करोड़ी महासभा के अध्यक्ष कमल करोड़ी ने मीडिया से बातचीत करते हुए सफाई दी है कि उनके समाज में यह प्रथा मुगल काल से चली आ रही है। कमल करोड़ी ने दावा किया महापंचायत में किसी भी इंसान के मानवाधिकारों का हनन नहीं होता है बल्कि सभी लोग एक साथ बैठकर किसी समस्या का समाधान खोजते हैं। (और…CRIME NEWS)
