आज की कहानी दो अरबपति परिवारों से जुड़े एक दंपति की है। जिसमें पति पर शादी के बाद हनीमून पर ही अपनी पत्नी का कत्ल करवाने का आरोप लगा लेकिन यह केस मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो गया। लड़के का नाम श्रीएन देवानी और लड़की का नाम एनी देवानी था। श्रीएन भारतीय ब्रिटिश मूल का था जबकि एनी भारतीय स्वीडिश मूल की थी। इन दोनों की शादी साल 2010 में हुई थी और देश-विदेश के कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की थी।

शादी के कुछ दिनों बाद श्रीएन अपनी पत्नी एनी के साथ हनीमून के लिए साउथ अफ्रीका गए। इस हनीमून पीरियड के दौरान एनी ने पाया कि अक्सर श्रीएन फोन पर बिजी रहता है और काम बहाने बाहर जाने की कोशिश करता है। एनी जब भी पूछती तो वह बात टाल जाता और जब फोन चेक करने की कोशिश करती तो वह फोन ले लेता। श्रीएन का रवैया कई दिनों तक ऐसा ही रहा तो एनी का शक बढ़ गया।

फिर एक दिन डिनर के बाद उसी रात श्रीएन फिर से बाहर गया तो एनी ने उसका पीछा किया। इस दौरान श्रीएन को किसी को गले लगाकर चूम रहा था। एनी गुस्से में वापस आने लगी तभी श्रीएन देवानी ने उसे देख लिया और मनाने के लिए दौड़कर एनी के पास पहुंचता है। यह सब चल ही रहा था कि एक गाड़ी आई और तीन लोगों ने दोनों का किडनैप कर लिया। इधर दो दिन तक कोई खबर नहीं हुई तो परिजनों ने साउथ अफ्रीका की स्थानीय पुलिस से शिकायत की।

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घटना के दो दिन बाद श्रीएन देवानी ने फोनकर पूरी घटना बताई और कहा कि किडनैपर्स ने एनी को गोली मार दी है। संपन्न परिवारों ने पुलिस से दबाव बनाया और फिर सीसीटीवी फुटेज की मदद से कार के ड्राइवर के साथ दो लोगों को अरेस्ट कर लिया गया। इधर श्रीएन जांच के दौरान ब्रिटेन वापस आ गया, उधर तीनों आरोपियों ने पुलिस के सामने जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि श्रीएन ने एनी को मारने की सुपारी दी थी।

मामला कोर्ट में गया तो श्रीएन देवानी मुख्य आरोपी बना लेकिन सुपारी किलर्स से उसका कोई संबंध साबित नहीं हुआ। बस यह साबित हुआ कि वारदात के दिन एनी और श्रीएन की डिनर के दौरान झगड़ा हुआ था। गोली मारने वाले को उम्रकैद जबकि दो अन्य को 25 और 18 साल की सजा मिली। श्रीएन ने अदालत में अपने और एनी के झगड़े की बात स्वीकारते हुए कहा कि वह गे (Gay) है और इसी बात को लेकर एनी से झगड़ा हुआ था।

श्रीएन ने बताया कि एक ब्राजीलियन मूल के युवक से उसके समलैंगिक संबंध थे जो हनीमून के दौरान साउथ अफ्रीका आया था। उस रात श्रीएन उसी से गले मिल रहा था, तभी एनी ने उसे देख लिया था। 2014 में अदालत ने सबूतों के अभाव में देवानी को इस केस से बरी कर दिया। हालांकि, केस को लेकर बाद में कई बातें कही गई जिसमें माना गया कि इस क़त्ल के पीछे श्रीएन का समलैंगिक होना एक राज था; जिसे वह बाहर नहीं आने देना चाहता था।