आंध्र प्रदेश पुलिस ने गुंटूर जिले के पलनाडु क्षेत्र में सत्ताधारी युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के पोस्टर-बैनरों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कक्षा 3 और 4 के छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। पुलिस बच्चों को थाने ले गई और शाम तक पूछताछ के लिए अंदर ही रखा। इन नाबालिगों को सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी के पोस्टर फाड़ने के आरोप में थाने ले जाया गया था।
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने थाने में कक्षा 3 और 4 के छात्रों को घंटों जमीन पर बैठाया। मामले में सत्तेनापल्ली के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जयराम प्रसाद ने कहा, हमने छात्रों को पूछताछ के लिए उनके माता-पिता के साथ पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। इन सभी पर आरोप था कि उन्होंने वाईएसआरसीपी द्वारा लगाए गए पोस्टरों को फाड़ दिया था। वाईएसआर पार्टी के पोस्टर फाड़ने के मामले में सत्तारूढ़ वाईएसआर सदस्यों द्वारा शिकायत दी गई थी।
वाईएसआर सदस्यों से प्राप्त एक शिकायत के आधार पर, पुलिस ने 10 से 15 वर्ष की आयु के कुछ बच्चों को जिलानाडु गांव से पिदुगुराला के पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया था। पुलिस ने कथित तौर पर बच्चों को एक दिन तक थाने में रखा और बाद में छोड़ दिया। चौंकाने वाली घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने नाबालिग बच्चों को परेशान करने वाले वाईएसआर नेताओं और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
तेदेपा के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने मंगलवार को सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी नेताओं और पुलिस को पलनाडु क्षेत्र में स्कूली बच्चों को पुलिस थाने में ‘अवैध रूप से रोककर’ रखने के लिए कड़ी निंदा की। नारा लोकेश ने वाईएसआरसीपी नेताओं और स्कूली बच्चों की दिन भर की हिरासत के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस गंभीर मामले में विपक्ष के नेता नारा लोकेश ने कहा, “निर्दोष बच्चों को उनके अधिकारों का हनन करते हुए पिदुगुरल्ला पुलिस थाने में बैठाया गया।” उन्होंने मांग की कि प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी इस परेशान करने वाली घटना के लिए स्पष्टीकरण दें।