कैलिफोर्निया अमेरिका के एक दंपति ने केंद्र सरकार से शिकायत की है कि मध्यप्रदेश के रीवा शहर के एक आश्रय गृह (shelter home) से उन्होंने जिन चार बच्चों को गोद लिया था, उनमें से दो यौन शोषण के शिकार रहे है। यह बात उनसे छिपाई गई है। मध्य प्रदेश पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। दंपति ने इस साल मार्च में रीवा के एक एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे आश्रय गृह से Central Adoption Resources Authority (CARA) के माध्यम से तीन लड़कियों सहित चार बच्चों को गोद लिया था।

केंद्र को बंद कर दिया गया : इस दंपति ने कुछ दिन पहले केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि दो लड़कियों ने यह बाद छिपाई थी कि आश्रय गृह में अन्य बच्चों और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया था। गोद लेने वाले केंद्र को मंगलवार को बंद कर दिया गया था और प्रशासन ने सभी बच्चों को सतना में एक अन्य आश्रय गृह में भेज दिया। बच्चों को 2017 में उनके पिता की सड़क दुर्घटना और मां की टीबी से में मौत होने पर आश्रय गृह भेजा गया था।

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पुलिस शिकायतों की कर रही जांच : रीवा के एसपी आबिद खान ने कहा कि अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और पुलिस शिकायत की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कथित पीड़ितों से बात करना चाहती है। दंपति शुरू में तैयार नहीं था, लेकिन अब अधिकारियों को बच्चों से बात करने देने के लिए तैयार हो गया है।

निदेशक ने आरोपों से इनकार किया : आश्रय गृह के निदेशक ने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मेडिकल टेस्ट और परामर्श सहित गोद लेने की सभी प्रक्रिया का पूरा पालन किया गया था। बच्चों को अदालत के आदेश के बाद ही सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि बच्चे आठ साल और उससे कम उम्र के थे और उन्होंने दावा किया कि सभी का टीबी का इलाज किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों के मेडिकल इतिहास के बारे में दंपति को पता था और वे खुद अपने ही तीन बच्चों की बीमारी से चिंतित थे। आश्रय गृह ने अधिकारियों को सभी रिकॉर्ड दिए हैं। निदेशक ने कहा कि आश्रय गृह में 10 लोगों का स्टाफ है।