राजस्थान के अलवर में महिला अस्पताल प्रभारी के साथ चप्पलों से मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार महिला को सजा सुनाने के लिए मजिस्ट्रेट ने आईसीयू का रुख किया। बता दें कि घटना के बाद आरोपी महिला की तबियत बिगड़ गई थी जिसके लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला के कोर्ट नहीं पहुंच पाने पर मजिस्ट्रेट ने खुद अस्पताल के आईसीयू में पहुंचे और महिला को सजा सुनाई । इसके साथ मजिस्ट्रेट ने डॉक्टरों को तीन दिन के अंदर उसका मेडिकल रिपोर्ट भी देने की बात कही है। आईसीयू में भर्ती मरीज को सजा सुनाने के लिए मजिस्ट्रेट का अस्पताल में जाने वाली बात काफी चर्चा में रही और सोशल मीडिया पर भी खूब छाई रही।
अस्पताल प्रभारी से चप्पलों से मारपीट करने का आरोपः बता दें कि आरोपी महिला सीमा ने महिला अस्पताल प्रभारी डॉक्टर श्यामबिहारी जारेड़ा के साथ चप्पलों से मारपीट की थी। इस घटना के बाद महिला को गिरफ्तार किया गया था और उसे बुधवार (25 सितंबर) को कोर्ट में पेश होना था। इस दौरान सीमा ने बुधवार की सुबह सीने में दर्द होने की शिकायत की थी जिसके बाद उसे राजीव गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसका इलाज आईसीयू में चल रहा है।
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आईसीयू में मिली जेल जाने की सजाः डॉक्टरों ने सीमा की तबियत सही नहीं होने और आईसीयू में भर्ती होने के कारण उसे डिस्चार्ज नहीं किया। उसे बुधवार को कोर्ट में पेश होनी थी। उसके कोर्ट में पेश नहीं होने कारण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन जीनवाल ने करीब शाम को चार बजे उसे सजा सुनाने के लिए आईसीयू आए। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आईसीयू में ही पेशी की कार्रवाई पूरी की और सीमा को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
डॉक्टरों से मांगा 3 दिन में सीमा की रिपोर्टः मामले को देखते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अस्पताल के डॉक्टरों से सीमा के स्वास्थ से जुड़े रिपोर्ट को तीन दिन के अंदर देने को कहा है। बताया जा रहा है कि सीमा के इलाज में डॉक्टरों द्वारा लापरवाही का मामला भी सामने आया है।